नई दिल्ली। देश में कोरोना के चलते लाखों लोगों की मौत हो गई है जो कि हर किसी के लिए बहुत ज्यादा दुख की बात है। कोरोना काल में कभी दवाईओं ना मिलने से लोगों की मौत हुई तो कभी ऑक्सीजन और बेड की कमी से भी कई सारे लोगों की जान गई है। इसके चलते कहीं ना कहीं सरकार और व्यवस्थाएं जिम्मेदार रही है। इसीलिए रोगियों के परिवारों को मुआवजा प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के लिए जनहित याचिका दायर की गई है।
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इसीलिए मिड्ढा याची ने अदालत से केंद्र व दिल्ली सरकार को उचित निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इतना ही नहीं याची ने ऑक्सीजन कमी से मौतों पर जवाबदेही तय करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है। इसके पीछे अधिवक्ता पूरव मिड्ढा याची का हाथ है। दरअसल बात ऐसी है कि इसकी सलाह इन्होनें ही दी थी।
मिड्ढा याची द्वारा दायर याचिका में सुझाव दिया गया है कि मुआवजा राष्ट्रीय आपदा फंड या पीएम केयर फंड से दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुआवजा इस कारण जरूरी है ताकि उन परिवारों को राहत प्रदान की जा सके जिनके पास खुद को संभालने का कोई साधन नहीं है क्योंकि उनमें से ज्यादातर ने कोविड-19 में एकमात्र कमाने वाला खो दिया है।
याची मिड्ढा ने कहा है कि,- कोविड-19 पीड़ितों की संख्या चिंताजनक स्तर से बढ़ रही है। इसलिए केंद्र व दिल्ली सरकार को ऐसे परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए एक ठोस मुआवजा योजना तैयार करनी चाहिए। उन्होंने दावा किया है कि अगर ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के कारण महामारी में लोगों की मौत हो जाती है तो सरकारों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
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आपको बता दे कि इससे पहले भी कई बार ऐसी खबरें आ चुकी है कि कुछ लोग चाहते है कि जिनके परिजनों की मौत हुई है इस कोरोना काल में उनके लिए कुछ करना चाहिए सरकार को। और वहीं मध्यप्रदेश सरकार तो पहले ही ऐसे लोगों के प्रति फैसला सुना चुकी है।