नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को एक बहुत बड़ी शक्ति और वक्त की कसौटी पर खरा उतरा मित्र बताया है। सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध साझा चुनौतियां हैं, जिनका दोनों देश सामना कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी वार्ता के दौरान शुरूआती टिप्पणी में अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर भी चिंता प्रकट की और कहा कि भारत एवं रूस क्षेत्र द्वारा सामना की जा रही बड़ी चुनौतियों पर समन्वय जारी रखेंगे।
पुतिन ने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा, हम भारत को एक बहुत बड़ी शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और वक्त की कसौटी पर खरा उतरा मित्र मानते हैं। दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं और मैं भविष्य की ओर देख रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पुतिन की दूसरी विदेश यात्रा भारत-रूस संबंधों के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को प्रर्दिशत करती है तथा दोनों पक्षों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी प्रगाढ़ हो रही है। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, विश्व ने कई मूलभूत परिवर्तन और विभिन्न प्रकार के भू-राजनीतिक बदलाव देखे हैं लेकिन भारत एवं रूस की मित्रता पहले जैसी बनी रही है।
रूसी राष्ट्रपति ने पर्यावरण, व्यापार और निवेश तथा उच्च प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘2020 में दोनों देशों के बीच व्यापार में 17 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई। इस साल के शुरूआती नौ महीने में वृद्धि दर 38 प्रतिशत से अधिक रही। पुतिन ने कहा, यह निवेश गतिविधियों पर भी लागू होता है। अब, रूस की ओर से आंशिक रूप से अधिक निवेश के साथ करीब 38 अरब डॉलर बराबर मात्रा में बंटा हुआ है। उन्होंने कहा, लेकिन हम सहयोग करेंगे, हम बहुत अहम क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनमें ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी व अंतरिक्ष शामिल हैं। और मैं आश्वस्त हूं कि जिन कार्यक्रमों के बारे में हमने बात की उन्हें क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
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भारत की संक्षिप्त यात्रा का विवरण
बता दें कि भारत की संक्षिप्त यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति ने कहा, मित्र देश भारत की यात्रा कर बहुत खुश हूं। रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने के लक्ष्य से भारत और रूस के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली ‘टू प्लस टू’वार्ता के कुछ घंटों बाद यह शिखर वार्ता हुई। दिन की शुरूआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के साथ वार्ता के साथ हुई। इससे अलग, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता की। इसके बाद दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता की।
इसके बाद रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता के समापन पर दोनों पक्षों ने उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित एक विनिर्माण प्रतिष्ठान में छह लाख से अधिक एके-203 राइफलों का संयुक्त उत्पादन करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके अलावा, सैन्य सहयोग पर समझौते को 10 साल (2021-31) के लिए बढ़ा दिया। राइफलों का निर्माण भारतीय सशस्त्र बलों के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। सैन्य सहयोग पर 10 साल का समझौता मौजूदा ढांचे का नवीनीकरण है।