नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा जिले में बुधवार को आतंकियों ने बीजेपी नेता राकेश पंडित (BJP Rakesh Pandit) की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आज नगर पार्षद राकेश पंडिता का अंतिम संस्कार किया गया है। इस दौरान राकेश पंडित के बेटे ने कहा, “पापा ही हमारे घर में कमाने वाले थे, मेरी मम्मी हाउस वाइफ हैं और चाचा विकलांग। मैं सरकार से यही चाहता हूं कि अगर ये साज़िश है तो पता किया जाए कि इसके पीछे कौन थे।
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वहीं हत्या के बाद जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना को कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा “त्राल, पुलवामा में पार्षद श्री राकेश पंडिता पर हुए आतंकी हमले के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं हमले की कड़ी निंदा करता हूं। दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’
इस तरह का जघन्य और अमानवीय अपराध करने वालों और उनके आकाओं को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें ये बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए। इसका हिसाब उनको ब्याज के साथ देना पड़ेगा: पुलवामा के त्राल में भाजपा नेता और नगर पार्षद राकेश पंडिता की हत्या पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी pic.twitter.com/F9rfbwcmBw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2021
केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने पुलवामा के त्राल में भाजपा नेता की हत्या के बाद कहा इस तरह का जघन्य और अमानवीय अपराध करने वालों और उनके आकाओं को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें ये बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए। इसका हिसाब उनको ब्याज के साथ देना पड़ेगा।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि पुलवामा जिले के त्राल मेंआतंकियों ने बीजेपी नेता राकेश पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी।राकेश पंडित की हत्या उस वक्त हुई जब वो अपने दोस्त के घर पर किसी काम से गए थे। घटना के बारे में पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि घत लगाए आतंकियों के एक समूह, जिनमें तीन लोग शामिल थे वो रात में करीब 10:15 बजे राकेश पंडित पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें वो पूरी तरह घायल हो गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना में राकेश पंडित ती बेटी भी गंभीर रूप से घायल हो गई है, फिलहाल वो अस्पताल में भर्ती है।
वहीं पुलिस प्रवक्ता ने सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राकेश पंडित को सुरक्षा प्रदान की गई थी और उन्हें दो निजी सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन उन्होंने मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन कर बिना सुरक्षा के दक्षिण कश्मीर स्थित अपने पैतृक गांव चले गए।