नई दिल्ली। देश में एक तरफ जहां कोरोना (Covid-19) फिर से रौद्र रूप धारण कर लोगों को डरा रही है। तो वहीं दूसरी तरफ देश के चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे है, जहां कोरोना के दिशा-निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। अब इसको लेकर चुनाव आयोग (Election commission) सख्त हो गया है। ईसी ने सारे राजनीतिक दलों के नेताओं और स्टार प्रचारकों को कड़े लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो उसे रैलियों पर रोक लगाने में संकोच नहीं होगा।
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चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सभी मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं को लिखे पत्र में कहा, ‘‘व्यापक रूप से विदित है कि पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड-19 के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। हालांकि आयोग के संज्ञान में चुनावी सभाओं/प्रचार के ऐसे मामले आए हैं जहां सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसे नियमों का उल्लंघन किया गया और आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।
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आयोग के पत्र में स्टार प्रचारकों और राजनीतिक दलों के नेताओं या उम्मीदवारों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के मामलों की ओर इशारा किया है जिनमें मंचों पर या प्रचार करते हुए खुद नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहनना शामिल है। पत्र के अनुसार, ऐसा करके राजनीतिक दल और उम्मीदवार खुद को और इन चुनावी सभाओं में शामिल हो रहे लोगों को भी संक्रमण के गंभीर खतरे में डाल रहे हैं।
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चुनाव आयोग ने कहा कि उल्लंघन के मामलों में वह अवज्ञा करने वाले उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों या राजनीतिक दलों के नेताओं की जनसभाओं, रैलियों पर आगे किसी अन्य सूचना के बिना पाबंदी लगाने में संकोच नहीं करेगा। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनाव प्रचार करने के दौरान मास्क के उपयोग पर आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
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आपको बता दें कि असम में तीन चरणों में और तमिलनाडु, केरल तथा पुडुचेरी में एक चरण में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरणों के मतदान की प्रक्रिया का चौथा चरण शनिवार यानि आज संपन्न होगा। आयोग ने कहा कि नियमों के पालन में बरती जा रही ढिलाई को उसने गंभीरता से लिया है जिनमें खासकर मंच पर नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहनना तथा सामाजिक दूरी कायम नहीं रखना शामिल है।