नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देने वाले मुद्दे पर अब एक बार फिर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad pawar) का बयान आया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों का जो समय बताया है, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। इस मुद्दे पर पवार की यह दूसरी मीडिया ब्रीफिंग है।
Sharad Pawar claims Anil Deshmukh was in hospital from 5-15 Feb and in quarantine from 16-27 Feb.
But Anil Deshmukh was holding a press conference on 15 Feb…
How lies fall flat! https://t.co/ceZGxFaIYz
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 22, 2021
उधर, भाजपा (BJP) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर कहा कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था। जिस पर पवार ने कहा, मैंने यह कहा कि मेरे पास दस्तावेज हैं कि वह (देशमुख) उस समय अस्पताल में भर्ती थे।
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आपको बता दें पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख (Anil deshmukh) ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।
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अब राजधानी दिल्ली में आज पवार ने संवाददाताओं से कहा कि देशमुख कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 27 फरवरी तक वह पृथक वास में रह रहे थे। उन्होंने कहा, सभी (राज्य) सरकारी रिकॉर्ड भी यही कहते हैं कि वह देशमुख तीन सप्ताह तक मुंबई में नहीं थे। वह नागपुर में थे जो उनका गृहनगर है। इसलिए इस तरह की स्थिति में इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की इस मांग में कोई तुक नहीं है कि आरोपों की जांच होने तक देशमुख को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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सिंह (Param Bir Singh) के पत्र का जिक्र करते हुए पवार ने आश्चर्य जताया कि यदि आईपीएस अधिकारी को यह पता था कि देशमुख ने फरवरी के मध्य के आसपास वाजे को बुला कर उससे धन एकत्र करने को कहा था तो उन्होंने आरोप लगाने में एक महीने का इंतजार क्यों किया। हलांकि मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह के आरोप की जांच होनी चाहिए, तो पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि चाहें तो वह किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच करा सकते हैं।