नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने मंगलवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा लगाया गया आपातकाल (Emergency) एक “गलती” थी। उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ वह “गलत” था लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया।
There is a fundamental difference between what happened in the Emergency, which was wrong & what is happening now. Congress party, at no point, attempted to capture India's constitutional framework. Our design doesn't allow us that. Even if we want to do it,we can't: Rahul Gandhi pic.twitter.com/HNiheYzOK5
— ANI (@ANI) March 2, 2021
दरअसल अमेरिका (America) के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई।
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वहीं आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक गलती थी और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था। आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने भारत के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास कभी नहीं किया था। और हम ऐसा करना चाहें तब भी हमारी संरचना ऐसी है कि हम नहीं कर पाएंगे।
उन्होंने आरएसएस (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है। अगर हम भाजपा (BJP) को चुनाव में हरा भी दें तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे। राहुल गांधी ने कमल नाथ के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा कि नाथ ने उन्हें बताया कि मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते थे क्योंकि वे आरएसएस के लोग थे और उन्हें जैसा कहा जाता था वैसा वह नहीं करते थे।
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गांधी ने आश्चर्य जताया कि यह सवाल क्यों नहीं उठता कि भाजपा, बसपा और सपा में आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है। उन्होंने कहा है कांग्रेस के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं क्योंकि यह एक ‘वैचारिक पार्टी’ है। इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है।