सेना ने जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में फंसे परिवार को बचाया
भारतीय सेना की एक इकाई ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में एक बकरवाल परिवार को बचाया। बकरवाल समुदाय बकरी चराने वालों और भेड़ चराने वालों की एक खानाबदोश जनजाति है।
जम्मू कश्मीर में बर्फबारी होने की वजह से खानाबदोश को हो रही दिक्कत
पिछले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और बर्फीले तूफान ने क्षेत्र के कई हिस्सों में खानाबदोशों और उनके पशुओं को बुरी तरह प्रभावित किया है।
पिछले दो दिनों से छुट दर्रा क्षेत्र के पास बर्फीले तूफान के बाद चार छोटे बच्चों और तीन वयस्कों वाला एक बकरवाल परिवार फंसा हुआ था। इलाके में गश्त कर रही एक सेना इकाई ने फंसे हुए समूह को देखा और उनकी स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए उनसे संपर्क किया।
समूह ने पहले ही अपनी अधिकांश बकरियां खो दी थीं और उनके आश्रय के पास कुछ मृत पशुधन थे। उन्होंने जो अस्थायी तम्बू खड़ा किया था, वह तेज़ हवाओं से चकनाचूर हो गया और उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा।
सेना ने जांच कर खानाबदोशों की कि मदद
आगे की जांच में पता चला कि यह गिरोह नगरोटा से आया था और वे हाल ही में वहां पहुंचे थे। सेना की यूनिट ने स्थिति का जायजा लिया तो पता चला कि दो छोटे बच्चों को बुखार है। उन्होंने सेना के शिविर की सुरक्षा के लिए वयस्कों में से एक के साथ बच्चों को निकालने का फैसला किया, जबकि दो वयस्क पशुधन की रक्षा के लिए पीछे रह गए।
पीछे रह गए लोगों के लिए राशन और आवश्यक कपड़े उपलब्ध कराने के लिए एक योजना तैयार की गई थी, जबकि बचाए गए परिवार के सदस्यों को कंपनी के संचालन आधार के नजदीक एक क्षेत्र में समायोजित किया गया था।