नई दिल्ली। कोरोना महामारी को लेकर देश में कुछ वक्त से हलचल मची हुई है। इसके चलते कई सारे शोध भी चल रहे है और इसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी चल रही है। कुछ ऐसे तत्व भी सामने आ रहे है जो कि सच है तो कुछ ऐसे भी जिनको पूरी तरह से गलत सबित किया गया है। वहीं हाल ही में कोरोना महामारी को लेकर शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि क्या पानी से कोरोना फैलता है या नहीं।
दरअसल बात ऐसी है कि, हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि नीदरलैंड के वैज्ञानिकों को ट्रीटमेंट प्लांट में वायरस के सक्रिय जीन्स मिल हैं। यही नहीं, 2002-03 में सार्स वायरस को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें यूके सेंटर फॉर यूरोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी के मुताबिक भी मल और गंदे पानी में भी ये वायरस पाया गया था।
और उस वक्त पानी की बूंदे एयरोसॉल के जरिए पानी में पहुंच गई थीं, जिसकी वजह से संक्रमित मरीजों की संख्या एक साथ काफी बढ़ गई थी। उस वक्त साल 2002 में इस बीमारी ने महज कुछ ही महीनों के अंदर 29 देशों को अपनी चपेट में ले लिया था, जिसकी वजह से काफी संख्या में लोगों की जान तक चली गई थी।
वहीं रिपोर्ट में ये सामने आया कि,- सीवेज पानी में वायरस के सक्रिय जीन्स मिले हैं। इसको लेकर सवाल ये भी है कि क्या नदी नहरों में वायरस फैल सकता है? इसी सवाल का जवाब जानने के लिए मध्य प्रदेश के सागर में राजघाट के पानी की जांच कराई गई। इस जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ भी कह चुका है कि कि कोरोना वायरस पानी से नहीं फैलता।
इस कोरोना काल में वैसे तो हमें अपने-अपने घरों पर ही रहना चाहिए। लेकिन कुछ जरूरी कामों की वजह से अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना चाहिए और वो भी डबल मास्क। डबल्यूएचओ से लेकर डॉक्टर्स तक कह चुके हैं कि डबल मास्क पहनना कोरोना काल में फायदेमंद हो सकता है। फिलहाल तो जो भी माहौल है उसके बारें में हर किसी को पता है। देश की जो भी गंभीर स्थिति है।