नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है जन्माष्टमी (Janmashtami 2021)। देवकी और वासुदेव के पुत्र भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। इसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जानते हैं। इस वर्ष भी जन्माष्टमी पर उनके जन्म के समय जैसी ही ग्रह और नक्षत्रों की स्थितियां बन रही हैं। ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त दिन सोमवार को है। इस दिन पूरे देशभर में हर्षोल्लास से जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। तो चालिए आज हमको इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी और इसका इतिहास बताते है।
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जाहिर है कि हिंदू धर्म के सबसे खास त्योहारों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास रखकर घर-परिवार की सुख और शांति के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। मथुरा में यह त्योहार और भी विशेष उत्सव के साथ मनाया जाता है, यह भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान की विशेष पूजा अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
#WATCH उत्तर प्रदेश: जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मथुरा में श्रद्धालुओं ने शोभा यात्रा निकाली। pic.twitter.com/wSrjTgyH4e
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 30, 2021
तो वहीं सदियों से भारत में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही श्रृद्धा भाव के साथ मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भाई कंस के अत्याचार सहते हुए कारागार में बंद माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान ने पृथ्वी को कंस के आतंक से मुक्त कारने के लिए अवतार लिया था। इसी मान्यता के अनुसार हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि यह पर्व विशेष महत्व रखता है। भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए इस दिन लोग उपवास रखने के साथ विधि-विधान से पूजा और भजन करते हैं। मंदिरों में विशेष सजावट करके भगवान की प्रक्टोत्सव को विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। कुछ स्थानों में दही-हांडी का भी उत्सव रखा जाता है। मध्यरात्रि के समय भगवान के जन्मोत्सव के समय सभी लोग मंदिरों में एकत्रित होकर विशेष पूजा करते हैं।
वहीं इस पूजा या इस खास दिन पर हर कोई अपने अपने तरीकें से कई सारे काम करता है। भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए सभी लोगों को श्रृद्धानुसार उपवास और विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। घर में मौजूद भगवान की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र पहना कर, धूप-दीप से वंदन करें। भगवान को पुष्प अर्पित करें, चंदन लगाएं। भगवान कृष्ण को दूध-दही, मक्खन विशेष पसंद हैं, ऐसे में इसका प्रसाद बनाएं और भगवान को अर्पित करें, सभी को वही प्रसाद दें। तो ये है कृष्ण जन्माष्टमी का इतिहास और इस तरह से मनाया जाता है ये खास दिन।
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