नई दिल्ली। झारखंड के जमशेदपुर में एक युवक ने पुलिस थाने में अभद्र भाषा और धार्मिक टिप्पणी जैसे गंभीर आरोप लगाए। औरंगजेब नामक युवक का आरोप है कि कदमा थाने में पुलिस ने पूछताछ के दौरान पुलिसवालों ने उसके साथ आए युवक से शारीरिक संबंध बनाने को कहा, साथ ही धार्मिक टिप्पणी भी की। वहीं झारखंड पुलिस ने इस मामले में जांच की है और बताया है कि जो पुलिस पर आरोप लगाया गया है वो झूठे हैं।
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पुलिस पर क्या हैं आरोप
दरअसल कुछ दिन पूर्व उस लड़के के दोस्त के दोस्त जो धतकीडीह का रहने वाला है अपनी प्रेमिका को लेकर भाग गया है, उसी संबंध में थाना प्रभारी के निर्देश पर पूछताछ के लिए 2 दिन पूर्व आरजू को थाना बुलाया था।
जब थाना में उपस्थित सिपाहियों ने उन दोनों से फरार प्रेमी प्रेमिकाओं के बारे में जानकारी लेनी चाही। तो दोनों ने फरार युवक से कोई संबंध नहीं होने की बात कही। वहीं दोनों युवकों ने इसके बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा पुलिस ने पिटाई के बाद दोनों को ही एक दूसरे से संभोग करने के लिए मजबूर किया जाने लगा का आरोप लगाया। जब दोनों नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें मल मूत्र लगाकर चप्पल से उनकी पिटाई की और तालिबान भेज देने की बात कहते हुए झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी।
इस बात की जानकारी जब परिजनों को हुई तो वे कदमा थाना पहुंचे और दोनों का छुड़ा ले गए। इसके बाद दोनों युवकों को थाना प्रभारी के मौजूदगी में पिटाई करने एवं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर प्रताड़ित किए जाने के विरोध में एसएसपी के पास पहुंचे, जहां परीजनों ने थाना प्रभारी को निलंबित करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। युवक औरंगजेब और आरजू कदमा शास्त्री नगर के रहने वाले हैं।
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पुलिस ने क्या कहा
झारखंड पुलिस का कहना है कि औरंगजेब ने जो पुलिस पर आरोप लगाए हैं, वो काफी ज्यादा चौंकाने वाले हैं। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में ज्यादा कुछ सच्चाई नहीं है। मामला सिर्फ पूछताछ के दौरान थप्पड़ मारने का है, जिसे लेकर पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है, जो आरोप लगाए हैं, वो सच नहीं हैं। वो लोग क्रिमिनल प्रवृत्ति के हैं, हिंदू लड़की को लेकर भाग गए हैं। वो लोग ये सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनके दोस्त लड़की को लेकर भागे हैं और हम उस पर ज्यादा एक्शन न करें।