नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ देश में अभी भी आंदोलन चल ही रहा है, कि दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2021 लाकर नया बवाल पैदा कर दिया है। अब इस विधेयक के विरोध में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी पूरी कैबिनेट के साथ जंतर मंतर पुहंच कर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी लोकसभा में एक नया विधेयक लाकर उनकी चुनी हुई सरकार की शक्तियों को बहुत कम करना चाहती है। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह विधेयक संविधान पीठ के फैसले के विपरीत है।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह विधेयक उस जनता के साथ धोखा है, जिसने दिल्ली की सरकार चुनी है। इसलिए केंद्र सरकार इस विधेयक को वापस लेने होंगे। केजरीवाल ने मोदी सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि इस विधेयक में लिखा है कि अब से दिल्ली सरकार का मतलब एलजी(उपराज्यपाल) होगा। तो फिर हमारा और जनता का क्या मतलब होगा? दिल्ली का CM कहां जाएगा? फिर चुनाव क्यों कराए गए थे।
इतना ही नहीं केजरीवाल ने कहा कि देश आजादी का 75वां साल मना रहा है। क्या भाजपा आजादी के 75वें साल में जनता के अधिकारों को छीनकर तोहफा देना चाहती है। देश की स्वतंत्रता के लिए कुर्बानी देने वालों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि केंद्र में एक ऐसी सरकार भी आएगी, जो जनता के सारे अधिकार छीन लेगी।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2021 को सोमवार यानि 15 मार्च को संसद के निचले सदन में पेश किया गया। इस विधेयक में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) को अधिक शक्तियां देने का प्रावधान रखा गया है। नए बिल के मुताबिक दिल्ली में सरकार का अर्थ ‘एलजी’ होगा और विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को वही मंजूरी देने की ताकत रखेगा। यही नहीं बिल में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को शहर के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से मशविरा लेना होगा। इसके अलावा विधेयक में कहा गया है कि दिल्ली सरकार अपनी ओर से कोई कानून खुद नहीं बना सकेगी।