नई दिल्ली। भारत एक कृषि प्रधान देश है और इस देश में किसानों को बहुत बड़ा दर्जा दिया गया है। आज किसान दिवस है तो जानते है कुछ खास और इसका इतिहास। फिलहाल तो एक तरफ किसान आंदोलन चल रहा है और एक तरफ सरकार की राजनीति जो किसानों पर चल रहीं है। देखना होगा कि क्या होगा आगे।
किसान दिवस का इतिहास
आज के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
चौधरी चरण सिंह ने एक बार कहा था, “सच्चा भारत अपने गांवों में बसता है।”
इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है बल्कि इन घटनाओं से भी आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसी कड़ी में जानेंगे आज 23 दिसंबर को देश-दुनिया में क्या हुआ था, कौन सी बड़ी घटनाएं घटी थीं जिसने इतिहास के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा। इस सबमें एक किसान दिवस भी शमिल है।
उन्होंने 1939 में विधानसभा में कृषि उपज बाजार बिल जैसे किसान समर्थक बिल पेश किए, 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया और 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया। उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था के महत्व और अर्थव्यवस्था में किसान की स्थिति को पहचाना और उसका सम्मान किया।
चौधरी चरण सिंह के स्मारक को किसान घाट के नाम से जाना जाता है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है। मेरठ विश्वविद्यालय का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कर दिया गया है।
किसान आंदोलन पर कोई फैसला
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली और आसपास डटे किसानों ने आंदोलन और तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। किसानों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। किसानों का एक समूह बारी-बारी से 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठेगा। पांच दौर की बैठक विफल रहने के बाद, सरकार ने रविवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों से अगले दौर की बातचीत के लिए तारीख तय करने को कहा है।
केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को रविवार को आमंत्रित किया और कहा कि वे वार्ता के लिए तिथि तय करें। सरकार ने कहा है कि कृषि कानूनों में पहले जिन संशोधनों का प्रस्ताव दिया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को किसान दिवस के अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों को लेकर संवेदनशील है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी सूरत में किसानों का अहित नहीं होने देंगे।