नई दिल्ली। किसी ने कहा है कि मां के ही सारे दिन है, कोई एक दिन मना कर हम मां को तोहफा नहीं दे सकते है। बैसे जिसने भी ये बात कही है बहुत ही कहा है, मां को हम किसी एक दिन से या कुछ शब्दों से हम मां को और उनके प्रति प्रेम को बयां नहीं कर सकते है। हर किसी के लिए मां तो अनमोल होती हैं।
“ तेरा ही तो हिस्सा हूं मैं मां
तुझसे जुड़ा एक किस्सा हूं मैं मां
हो सके तो माफ करना
कुछ सपने और कुछ जिम्मेदारियों की खातिर
तुझसे जरा दूर हूं मैं मां”
परंतु कुछ रिति-रिवाज और कुछ परंपराओं की मानें तो मां के लिए एक खास दिन रखा गया है और हम इसको सेलिब्रेट करते है। इन दिन की शुरुवात कहां से हुई या किसने इसको सबसे पहले मनाया इसके बारें में हम आपको बता देते है। दरअसल बात ऐसी है कि मदर्स डे को पहली बार अमेरिका में मनाया गया था जब एना जार्विस नाम की एक लड़की ने अपनी मां के लिए एक स्मारक रखा और उसे श्रद्धांजलि दी क्योंकि मृत्यु से पहले यह उसकी मां की आखिरी इच्छा थी।
इसके बाद में, उसने अपनी मां के निधन के बाद तीन साल तक ऐसा करना जारी रखा और उसके बाद, उसने सभी माताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को मनाना शुरू कर दिया और इस दिन को अमेरिका में मातृ दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। तो इन दिन को मनाने के पीछे की ये एक वजह है।
वहीं हम अगर वर्तमान समय की बात करें तो कई सारे दिन हम सेलिब्रेट करते है, जिसमें से ही एक मदर्स डे है। बैसे कुछ लोग ऐसे होते है जो कि कभी भी किसी के सामने अपने प्यार को जाहिर नहीं कर पाते है, कभी भी बता नहीं पाते है कि वो अपनी फैमली और अपने दोस्तों से कितना प्यार करते है। इन में कुछ ऐसे भी लोग होते है जो कि अपनी मां से भी कभी नहीं कह पाते है कि वो अपनी मां को कितना प्यार करते है, उनसे दूर रहकर कितना याद करते है उनको और जब भी कभी दुनियां की बुराई और उलझन से थक जाते है तो मां को याद करते है।
तो ऐसे लोग के लिए मदर्स डे थोड़ा सा स्पेशल होता है क्यूंकि इस दिन अपने प्यार के बारें में अपनी मां से आसानी से अपनी फिलिग्स कह सकते है। या फिर चाहे तो किसी ना किसी खास तरीके से अपनी मां को खुश कर सकते है। जैसे कि मां के साथ डिनर डेट पर जाकर, या फिर मां के लिए कुछ स्पेशल तोहफा लाकर, या फिर मां के लिए स्पेशल पार्टी रखकर। वजह हजार मिल जाएगी बस कोशिश होनी चाहिए कैसे भी अपनी मां को ये बता तो कि आपके लिए वो कितनी स्पेशल है।
सच कहा जाए तो वक्त कभी किसी के लिए नही रुकता है और वक्त पर ही सब कर लिया जाए तो अच्छा है। तो कभी कभी ऐसा कर लेना चाहिए कि कुछ चीजे कर लेनी चाहिए, शायद आपके कुछ करने से सामने वाले को अच्छा लगे। कुछ जो दिल में है कह देना चाहिए शायद सामने वालें को खुशी मिल जाए। वर्तमान समय में अक्सर देखा जाता है कि बच्चे अपनी मां को वक्त नहीं देते है या फिर उनकी छोटी- छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते है। तो ऐसे बच्चों को हमेशा अपनी मां से सीखने की जरुरत है और मां के अनमोल से प्यार की कदर करने की जरुरत है।