नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को जांच करने वाली एसआईटी (SIT) में बदलाव कर दिए हैं। जांच की निगरानी के लिए पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) हाईकोर्ट (High Court) के पूर्व जज ‘राकेश कुमार जैन’ (Rakesh Kumar Jain) की नियुक्ति करी गई है। अदालत (Court) ने कहा कि – मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उदेश्य से यह आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को एक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने जस्टिस ‘राकेश कुमार जैन’ और रंजीत सिंह के नाम सुझाए गए थे। उच्च न्यायालय ने राज्य के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी एसआईटी में शामिल करने को कहा था। बुधवार को इस पर निर्णय सुनाते हुए अदालत ने एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को जगह दी हैं। इनमें एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान का नाम भी शामिल है।
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पिछली सुनवाई के समय उत्तर प्रदेश सरकार मामले की जांच की निगरानी के लिए राज्य के बाहर एक पूर्व हाई कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सहमत हो गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से ‘हरीश साल्वे’ ने अदालत में कहा कि – किसी भी हाईकोर्ट के जज, जज ही होते हैं। ऐसे में किसी भी हाईकोर्ट के पूर्व जज को नियुक्त किया जा सकता है। इसपर उच्च न्यायालय ने सहमति जताई थी।
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पिछले आठ नवंबर को उच्च अदालत ने मामले की जांच से निपटने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई थी। इससे पहले कोर्ट ने तीन अक्टूबर की घटना के संबंध में दर्ज की गई अलग-अलग प्राथमिकी में गवाहों के मिश्रण की आलोचना करते हुए कहा था कि – ऐसा प्रतीत होता है कि मामले में एक विशेष आरोपी की रक्षा के लिए सबूत एकत्र किए जा रहे है। इशारा अप्रत्यक्ष रूप से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की ओर था, जो केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं।
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