नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में गाय उपकर (Cow Cess) लगाए जाने की तैयारी हो रही हैं। मुख्यमंत्री ‘शिवराज सिंह चौहान’ (Shivraj Singh Chouhan) ने इसके लिए अधिकारियों को योजना (Plan) बनाने के निर्देश दे दिए हैं। इस उपकर से मिलने वाले रुपयों के द्वारा राज्य सरकार (State Government) गौशालाओं में गायों के चारे की व्यवस्था करेगी। प्रारंभिक स्तर पर रजिस्ट्री, शराब, वाहनों पर यह उपकर लगाने की तैयारी चल रही है। सभी सरकारी दफ्तरों में गौ-फिनायल का उपयोग भी होगा।
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मध्य प्रदेश में गाय उपकर नई बात नहीं है। इससे पहले 15 महीने की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भी इसकी रुपरेखा तय करी थी। उस दौरान बात आगे नहीं बढ़ सकी। अब ‘शिवराज सिंह चौहान’ सरकार इसको आगे बढ़ाने जा रही है। आज मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में योजना बनाने को कहा है। मध्य प्रदेश में 20वीं पशु संगणना के मुताबिक 01 करोड़ 87 लाख 50 हजार गौ-वंश हैं। इनके संरक्षण के लिए प्रभावी योजना बनाने की जरूरत है। इस बैठक में मध्य प्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि, मुख्य सचिव ‘इकबाल सिंह बैंस’ और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे थे।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है – कि आगर-मालवा जिले के सालरिया गौ-अभयारण्य को देश के आदर्श के रूप में विकसित कर अखिल भारतीय स्तर पर सबसे बढ़िया गौ-अभयारण्य बनाया जायेगा। अभयारण्य को विकसित करने के लिए राज्य के योग्य सामाजिक संगठन को जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि – मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के विकास की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संगठनों को दी जाए। स्वयंसेवी संगठन सेवाभाव रखकर गौ-शालाओं को अच्छी तरह विकसित कर सकते हैं। उन्होंने अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौ-शालाओं को अनुदान देने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश की छह गौ-शालाओं को प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए है।
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