नई दिल्ली। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत के बाद उनका 8 पेज का सुसाइड नोट सामने आया है। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत के लिए आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी, संदीप तिवारी को जिम्मेदार बताया है। सुसाइड नोट के में उन्होंने लिखा- मैं नरेंद्र गिरी, वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया।
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देखिए सुसाइड नोट में क्या लिखा है
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड लेटर में लिखा है- मैं महंत नरेंद्र गिरि आज आनंद गिरि के कारण बहुत विचलित हो गया हूं. आज हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन एक दो दिन में आनंदगिरी मोबाइल के माध्यम से किसी छोटी महिला या लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा. मैं महंत नरेंद्र गिरि बदनामी के डर से कितना सफाई देता रहूंगा. मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो इस बदनामी में कैसे जी पाऊंगा. इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं.
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जानिए क्या है मामला
गौरतलब है कि परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की सोमवार शाम को अल्लापुर स्थित बाघम्बरी गद्दी मठ में संदिग्ध स्थिति में मृत्यु हो गयी थी। उनका शव मठ के कमरे में पंखे से लटका मिला था। मौके से पुलिस को आठ पेज का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, इस सुसाइड नोट में मठ और अखाड़े के उत्तराधिकारियों के नाम लिखे गए हैं। साथ ही सम्मान और अपमान को लेकर भी कुछ बातें लिखी हैं।
खबर के मुताबिक, महंत के शव के पास ही बिस्तर पर सुसाइड नोट पड़ा था। छह पेज के इस सुसाइड नोट में वसीयतनामे से लेकर अन्य कई बातें लिखीं थीं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसमें महंत के सबसे करीबी शिष्य रहे आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के नाम के साथ लिखा है कि वह इनके व्यवहार से आहत थे।