नई दिल्ली। महाराष्ट्र के कापसिकोपरी गांव से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर पोलियो ड्रॉप की जगह सैनिटाइगर पिला दिया गया है जिसकी वजह से बच्चों की हालत खराब हो गई है। फिलहाल तो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है वहीं इस मामले में एक डॉक्टर और एक आंगनबाड़ी सेविका के साथ कई और लोगों के खिलाफ जांच के आदेश निकाल दिए गए है।
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सैनिटाइजर की वजह से बच्चों की हालत खराब
महाराष्ट्र में डॉक्टर और आंगनबाड़ी सेविका की गलती की वजह से बच्चों की हालत खराब हो गई है। जिसकी वजह से बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और बच्चें फिलहाल तो डॉक्टरों की निगरानी में है। बात दरअसल ये है कि महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव कापसिकोपरी में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाना था।
पर कुछ आंगनबाड़ी सेविका और आशा ने बच्चों को पॉलियों की जगह सैनिटाइजर के ड्रॉप पिला दिए। जिसकी वजह से बच्चों को उल्टी और बेचैनी की शिकायत होने लगी, बताया गया है कि इन में सभी बच्चे 5 साल की उम्र से कम थे। इस मामले पर भानबोरा प्राथामिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टरों ने एक आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता के खिलाफ जांच के आदेश दिए है।
इस मामले पर जिला परिषद के सीईओ कृष्ण ने कहा है कि- “यह एक बड़ी लापरवाही है। पोलियो वैक्सीन की बोतल पर वायरल मॉनिटर वाले स्क्वायर बने होते हैं। इनका विशेष रंग होता है। ऐसे में यह लापरवाही कैसे हो गई, इसकी जांच होगी। यह भी देखा जाएगा कि बच्चों को दवा पिलाने वाले स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई थी या नहीं?”
आपको बता दे कि ये मामला रविवार का है जिस दिन ये गलती हो गई थी। पर दूसरे दिन सोमवार को दोबारा अभियान में बच्चों को पोलियो की ड्रॉप पिलाई गई है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर 2021 के लिए राष्ट्रीय पोलियो अभियान शुरू किया है।