नई दिल्ली| यूपी की राजनीति में हाशिए पर पड़ी मायावती (Mayawati) आने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में एक बार फिर से अपनी पार्टी बसपा को मजबूत करने में जुटी है| यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने नया प्लान बनाया है| इस प्लान के तहत बीएसपी दूसरे दलों से आने वाले नेताओं और बागियों से परहेज करेंगी|
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बसपा की हालत यूपी की राजनीति में ठीक नहीं
2022 साल के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में लगे हैं| चार बार यूपी की सत्ता सभाल चुकी बसपा की प्रमुख मायावती अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुटी है| यूं तो मायावती की पार्टी की हालत यूपी की राजनीति में ठीक नहीं है| एक के बाद एक नेता मायावती का साथ छोड़ कर दूसरी पार्टियों में जा रहे है| पिछले दिनों ही बीएसपी के छह विधायकों ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था| जिसे बीएसपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है| ऐसे में विधानसभा चुनावों में पहले मायावती एक बड़ा कदम उठाने जा रही है|
मायावती ने पार्टी नेताओं को दिया निर्देश
दरअसल, मायावती का ये बयान उस वक्त आया है. जब पार्टी के ज्यादातर नेता दूसरे दलों में जा रहे हैं और बीएसपी को कमजोर बता रहे हैं| वहीं राज्य में बीएसपी प्रमुख के ऐलान के बाद ये तय हो गया है कि बीएसपी में अब दल बदलुओं की एंट्री नहीं होगी| मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि बीएसपी के नेताओं के अगर टिकट काटे जाते हैं तो उन्हें पार्टी के दूसरे विधायकों और अन्य लोगों के टिकट देने से बचना चाहिए| अपनी पार्टी के लोगों को ज्यादा टिकट देने पर जोर देना चाहिए| यानी मायावती का साफ संदेश है कि पार्टी को अपने कैडर के नेताओं को टिकट देना चाहिए|
1. बी.एस.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों के भी निष्कासित किए गए लोगों को सपा में शामिल किये जाने से इस पार्टी का कुनबा व जनाधार आदि बढ़ने वाला नहीं है बल्कि इससे यह और भी घटता व कमजोर होता हुआ ही चला जाएगा। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
2. जबकि सपा को यह मालूम होना चाहिये कि ऐसे स्वार्थी व दलबदलू किस्म के लोगों को लेने से, इनकी खुद की अपनी पार्टी में टिकटार्थी लोग अब बहुत गुस्से में हैं, जो अधिकाशः बी.एस.पी. के सम्पर्क में हैं। वैसे भी वे चुनाव में अन्दर-अन्दर इस पार्टी को काफी नुकसान पहुँचाने वाले हैं। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
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BSP के ज्यादातर विधायकों ने थामा SP का दामन
फिलहाल, बीएसपी एसपी को लेकर ज्यादा आक्रामक है| क्योंकि बीएसपी के ज्यादातर विधायकों ने एसपी का ही दामन थामा है| लिहाजा मायावती बीएसपी विधायकों को पार्टी में शामिल कराने को लेकर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साध रही हैं| जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी एसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुकी हैं. इस चुनाव में बीएसपी ने दस सीटें जीती थी, जबकि एसपी पांच ही सीट जीत सकी थी| इसके बाद मायावती ने एसपी के साथ अपने चुनाव गठबंधन को खत्म कर दिया था| जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी का यूपी में खाता भी नहीं खुला था|
BSP की मुखिया मायावती इन दिनों अपने सबसे खऱाब राजनीतिक दौर से गुजर रही है| BSP के बड़े बड़े नेता एक के बाद एक करके मायावती का दामन छोड रहे है| पिछले विधानसभा चुनावों में भी मायावती को तगड़ा झटका लगा था| मायावती की पार्टी मात्र 19 विधानसभा सीटों पर ही सिमट गई थी|