Bangladesh में देर रात मशाल लेकर सड़कों पर उतरे अल्पसंख्यक, Hasina सरकार को दी चेतावनी
Breaking Desk | BTV bharat
बांग्लादेश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक संगठन बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने राजधानी ढाका और अन्य हिस्सों में मशाल जुलूस निकाला। इन्होंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सत्तारूढ़ अवामी लीग के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की मांग रखी। ओइक्या परिषद के महासचिव एडवोकेट राणा दासगुप्ता ने ऐलान किया कि परिषद मार्च से सभी संभागीय शहरों में रैलियां निकालेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय सीमा के भीतर मांगें पूरी नहीं हुईं तो मध्य जुलाई से आमरण अनशन होगा।
अल्पसंख्यक समुदायों के योगदान पर जोर डाला
ओइक्या परिषद के नेताओं ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में अल्पसंख्यक समुदायों के योगदान पर जोर डाला। स्पीकर्स ने कहा कि स्टेट रिलिजन के कॉन्सेप्ट ने बांग्लादेश के सभी अल्पसंख्यकों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक बना दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को वर्षों से अभाव, भेदभाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। उन्होंने आशंका जताई कि जैसे ही देश में चुनाव नजदीक आएंगे, अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले बढ़ जाएंगे। वक्ताओं ने कहा कि देश मुक्ति संग्राम की भावना से दूर हो गया है।
अवामी लीग ने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में कौन से वादे किए थे
परिषद के नेताओं ने सरकार को याद दिलाया कि सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में कौन से वादे किए थे। इसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग स्थापित करने, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम, भेदभाव विरोधी अधिनियम, निहित संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण और हिल ट्रैक्ट ट्रीटी के कार्यान्वयन का वादा किया था। साथ ही मैदानी इलाकों में रहने वाले आदिवासियों के लिए अलग लैंड कमीशन की स्थापना करने का वादा शामिल था।