नई दिल्ली। दिल्ली के बसई दारा पुर इलाके से पुलिस को खबर मिली कि एक फ्लैट के अंदर से बदबू आ रही है। इसके बाद पुलिस बिल्डिंग में पहुंची और फिर सभी घरों की तलाशी शुरू कर दी। तलाशी करते हुए पुलिस ने देखा कि तीसरी मंजिल की एक फ्लैट में ताला लगा हुआ है। पुलिस को शक हुआ और फिर इसके बारे में आस पास के फ्लैट वालों से पूछताछ शुरू की। पुलिस को पता चला कि यह फ्लैट करीब छ महीने पहले ही किराये पर लिया गया है। इसके बाद पुलिस की टीम दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो पुलिस के होश उड़ गए।
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लाश देखकर दिल्ली पुलिस के उड़े होश
पुलिस की टीम दरवाजा तोड़कर देखा अंदर एक लाश सड़ी गली हालत में पड़ी हुई है। शव प्लास्टिक बैग में रखा गया था, शव इतनी बुरी तरह से खराब हो चुका था कि उसे पहचानना भी मुश्किल था। लेकिन, पुलिस को वहीं पर एक मोबाइल पड़ा हुआ मिला और इस मोबाइल ने ही इस सड़ी गली लाश की पहचान की, जिसके जो पता चला, उसे जानकर होश उड़ जाएंगे।
दरअसल, यह शव जम्मू कश्मीर के एक विधायक त्रिलोचन सिंह की थी। जिनके गायब होने की शिकायत जम्मू-कश्मीर की पुलिस से की गई थी और जम्मू पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया था। मिली जानकारी के अनुसार त्रिलोचन सिंह जम्मू से दिल्ली के लिए निकले थे, जहां से उन्हें परिवार से मिलने के लिए कनाडा जाना था। 1 सितंबर को त्रिलोचन सिंह जम्मू से दिल्ली आए थे और उन्हें तीन सितम्बर को अपने परिवार से मिलने के लिए कनाडा जाना था। लेकिन, जब वे कनाडा नहीं पहुंचे, तो उनके परिवार वालों ने पहले जम्मू के अपने परिजनों से संपर्क किया। लेकिन, वहां से उन्हें पता चला कि एक सितम्बर को वे दिल्ली चले गए हैं।
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करीबी दोस्त ने ऐसे रची हत्या की साजिश
दरअसल दिल्ली में विधायक त्रिलोचन सिंह के एक परिचित है हरप्रीत सिंह खालसा है। हरप्रीत दिल्ली में ट्रांसपोर्ट का विजनस करता है और त्रिलोचन सिंह भी जम्मू में ट्रांसपोर्ट यूनियन के चीफ थे। इसके कारण दोनों के बीच बहुत समय पहले से ही जान पहचान थी और एक तरह से पारिवारिक रिश्ता था। त्रिलोचन सिंह के परिवार वाले भी हरप्रीत सिंह के बारे में जानते थे। इसलिए कनाडा नहीं पहुंचने पर हरप्रीत सिंह से बात की गई। लेकिन, हरप्रीत सिंह ने त्रिलोचन सिंह के परिवार वालों को बताया कि वे कनाडा चले गए हैं और कोविड प्रोटोकॉल के कारण उन्हें क्वरेंटाइन में रखा गया है। लेकिन, एक दो दिन के बाद त्रिलोचन के परिवार वालों ने जम्मू पुलिस से शिकायत की और जम्मू कश्मीर की पुलिस ने दिल्ली पुलिस को इसकी छानबीन के लिए संपर्क किया।
इसी बीच दिल्ली पुलिस को एक कॉल आया, जिसमें एक फ्लैट से बदबू की शिकायत की गई। फिर यह पूरा मामला सामने आया कि त्रिलोचन के परिचित हरप्रीत सिंह खालसा ने पूरी साजिश रची और हत्या को अंजाम दिया। सीसीटीवी फूटेज से यह भी पता चला कि उसके साथ एक और व्यक्ति इस साजिश में शामिल था। पुलिस को कुछ और जानकारी होती, उससे पहले हरप्रीत सिंह खालसा ने त्रिलोचन सिंह के एक करीबी को फोन करके बता दिया कि उसने अपने दोस्त हरमीत के साथ मिलकर त्रिलोचन सिंह की हत्या कर दी है। उस व्यक्ति ने इसकी जानकारी त्रिलोचन सिंह के भाई को दी और अब हत्या के इस मामले में दो लोग शामिल बताए जा रहे हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही हत्या के कारण के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी। लेकिन, त्रिलोचन सिंह की हत्या ने करीबियों के ऊपर विश्वास को हिला कर रख दिया है।