नई दिल्ली। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) के ड्रग्स केस आए दिन नए नए खुलासे सामने आते रहते है। जिससे केस और भी उलझ जाता है, ऐसे में केस में नई चौंकाने वाले जानकारी सामने आ रही है, किरण गोसावी (Kiran Gosavi) के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल ने एक एफिडेविट में कई चौंकाने वाले दावे किए हैं।
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प्रभाकर ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि गोसावी ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। सैल के हलफनामे के मुताबिक, ये मांग गोसावी ने एनसीबी चीफ समीर वानखेड़े की ओर से की थी। बता दें कि प्रभाकर इस क्रूज ड्रग्स केस में एनसीबी के गवाह भी हैं । प्रभाकर सैल ने अपने नोटरीकृत हलफनामे में बताया है कि वह क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे के समय मौजूद थे। उन्होंने किरण गोसावी और सैम नाम के एक शख्स को एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था।
सैल ने दावा किया है कि गोसावी और सैम लोअर परेल गए थे, जहां एक ब्लू कलर की गाड़ी वहां आई प्रभाकर सैल का दावा है कि उन्होंने शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी को उस ब्लू गाड़ी में बैठे देखा था। प्रभाकर सैल के मुताबिक, गोसावी और सैम ने अपनी बातचीत में 25 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन 18 करोड़ में मामला सेटल करने को राजी हो गए थे। गोसावी ने कथित रूप से कहा था कि इस 18 करोड़ में से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को जाएंगे और बाकी बचे पैसे दूसरों में बंटेंगे।
इसकी अगली सुबह प्रभाकर सैल को टोरेडो भेजा गया था, जहां उनसे एक सफेद गाड़ी से 50 लाख रुपए लिए थे। लेकिन गोसावी ने सैल को वापस होटल भेज दिया था, जहां उसने पैसे सैम को वापस किए. वहां सैम ने कहा कि पैसों में 12 लाख रुपये कम हैं और यह सिर्फ 38 लाख हैं। इसके बाद सैम ने गोसावी से बात की, जिसने जवाब में उसे पैसे 2 से 3 दिन में लौटाने का वादा किया था। एनसीबी के मुथा अशोक जैन ने एक बयान जारी कर कहा है- प्रभाकर सैल ने एनसीबी की मुंबई जोनल यूनिट के क्राइम नंबर 94/2021 के चश्मदीद हैं मुझे सोशल मीडिया के जरिए एक एफिडेविट मिला है। इसमें प्रभाकर सैल ने 2 अक्टूबर को हुई बातों की डिटेल दी हैं।
यह मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में इस केस के एक चश्मदीद के तौर पर उन्हें कोर्ट के सामने इसे जमा करने की जरूरत है, ना कि सोशल मीडिया पर। प्रभाकर द्वारा कुछ लोगों पर बातों को सुनने के आधार पर इल्जाम लगाए गए हैं। हमारे जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े इन इल्जामों को सिरे से ख़ारिज करते हैं। एफिडेविट में कुछ चीजें चौंकाने वाली हैं। ऐसे में मैं इस एफिडेविट को डायरेक्टर जनरल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को बढ़ा रहा हूं और उनसे दरख्वास्त करता हूं कि इसपर जरूरी एक्शन लें।
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वहीं अपने एफिडेविट में प्रभाकर सैल ने बताया है कि उससे पंचनामा पेपर बताकर खाली कागज (Blank paper) पर जबरन साइन करवाया गया था। उसे इस गिरफ्तारी के बारे में नहीं पता था। प्रभाकर ने एक हलफनामा तैयार किया था जिसमें उसने दावा किया कि वो इस क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे का गवाह है इस ड्रग्स में पंच प्रभाकर का दावा है कि वो किरण गोसावी के पास बॉडीगार्ड के रूप में काम करता था। प्रभाकर ने रेड के समय की कुछ वीडियो भी बनाई हैं और तस्वीरें खींची हैं। इसमें से एक वीडियो में गोसावी को फोन पकड़े देखा जा सकता है। उसका फोन स्पीकर पर है और वो आर्यन की किसी से बात करवा रहा है।
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