नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से तो लोग परेशान हैं ही लेकिन डेंगू ने भी नोएडा में (Delhi NCR) कहर ढाया हुआ है। दिल्ली से सटे नोएडा में डेंगू के मामलों (Noida Dengue Cases) ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। डेंगू और बुखार के मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में बेड बढ़ाने की योजना बना ली है। नोएडा स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, दस वर्ष बाद जिले में पहली बार डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 500 से ऊपर पहुंच गया है। पिछले साढ़े तीन माह से स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा दवा के छिड़काव और फॉगिंग पर लाखों रुपये खर्च कर चुका है लेकिन डेंगू के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जानकारों के मुताबिक दिल्ली-नोएडा के अस्पतालों में डेंगू संक्रमण का चौथा स्ट्रेन भी मिल रहा है जो कि काफी खतरनाक और संक्रामक माना जाता है।
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जिला मलेरिया विभाग नोएडा प्राधिकरण और अन्य विभागों के साथ मिलकर बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चला रहा है हालांकि हर रोज़ नए मामले सामने आ रहे हैं। बता दें कि पहले 30 दिनों में जिले में डेंगू के 49 मामले सामने आए थे, लेकिन मरीजों की संख्या को मामूली मानते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही दिखाई और एंटी लार्वा दवा के छिड़काव और फॉगिंग का अभियान शुरू ही नहीं किया गया। अक्टूबर में डेंगू ने भयावह रूप धारण कर लिया है और अकेले नोएडा में रोज 15 से 20 नए डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। अक्टूबर में जिले में 376 नए डेंगू के मरीज मिले हैं, लेकिन शनिवार को यह आंकड़ा 509 तक पहुंच गया। प्राइवेट अस्पताल भी बेड बढ़ा रहे हैं।
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इस बीच स्वास्थ्य विभाग रिहायशी इलाकों के आसपास रुके पानी की जांच के लिए कंटेनमेंट सर्वे जारी रखे हुए है, जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि ‘हमें उम्मीद है कि लोग ताजा पानी निकालना जारी रखेंगे और घर में जमा पानी नहीं रखेंगे। थर्मोकोल बॉक्स एक विशेष खतरा हैं और इसे खाली कर दिया जाना चाहिए। हमें हाई-राइज सोसायटियों के बेसमेंट में पानी की भी शिकायत मिल रही है और हम अधिकारियों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं।
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