नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) राज होने के बाद मोदी सरकार लगातार बैठके कर रही है। इस बीच पड़ोसी देश अफगानिस्तान में बिगड़े हालातों के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात के मद्देनजर सभी अफगान नागरिकों को अब सिर्फ ई-वीजा से भारत की यात्रा कर सकते है। मंत्रालय की ओर से यह फैसला उस वक्त किया गया है जब कुछ दिनों पहले ही सरकार ने अफगान नागरिकों के लिए ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ की शुरुआत की।
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गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए और ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ की शुरुआत के माध्यम से वीजा प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के मद्देनजर यह फैसला किया गया है कि सभी अफगान नागरिक अब सिर्फ ई-वीजा पर ही भारत की यात्रा कर सकेंगे। इसके आलावे कुछ अफगान नागरिकों के पासपोर्ट खो जाने संबंधी खबरों के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने यह घोषणा भी की है कि उन सभी अफगान नागरिकों को पहले जारी वीजा तत्काल प्रभाव रद्द किये जाते हैं जो फिलहाल भारत में नहीं हैं। भारत का दौरा करने के इच्छुक अफगान नागरिक ई-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Owing to prevailing security situation in Afghanistan all Afghan nationals henceforth must travel to India only on e-Visa
Press release- https://t.co/aU2UnZW5Tm pic.twitter.com/r7Hv6p6qfr
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 25, 2021
अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत के सभी राजनयिक प्रतिष्ठान बंद हैं, इसलिए आवदेनों की छानबीन और इस पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का काम नयी दिल्ली में होगा। ‘आपातकालीन व अन्य वीजा’ शुरुआत में छह महीने के लिए वैध होगा। सभी अफगान नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म के मानने वाले हों, इस यात्रा दस्तावेज के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद काबुल हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में लोग देश से बाहर निकलने के प्रयास में जमा हैं। इसी कोशिश में कई लोगों की जान भी चली गई। भारत ने अपने राजनयिकों, नागरिकों और कई अफगान नागरिकों, जिनमें दो सांसद शामिल हैं, को भी अफगानिस्तान से बाहर निकाला है। सोमवार की रात तक अफगानिस्तान से लगभग 730 लोगों को बाहर निकाला जा चुका था। लोगों को निकालने की प्रक्रिया 16 अगस्त को शुरू हुयी थी। भारत, अमेरिका और अन्य मित्र देशों के समन्वय से निकासी अभियान चला रहा है।