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Saturday, April 20, 2024

अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से मस्जिद हटाने की मांग, अदालत में वाद दाखिल

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाने के बाद अब श्रीकृष्ण के भक्तों ने भी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में निर्मित शाही ईदगाह मस्जिद को वहां से हटाने की मांग की है। इस संबंध में आधा दर्जन भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंध समिति के मध्य पांच दशक पूर्व हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने और मस्जिद को हटाकर पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शुक्रवार को मथुरा की एक अदालत में दायर की गयी याचिका में कहा है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से गलत है तथा भगवान कृष्ण एवं उनके भक्तों की इच्छा के विरुद्ध विपरीत है। इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर उक्त भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए। शुक्रवार को लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री एवं त्रिपुरारी त्रिपाठी, सिद्धार्थ नगर के राजेश मणि त्रिपाठी एवं दिल्ली निवासी प्रवेश कुमार, करुणेश कुमार शुक्ला एवं शिवाजी सिंह ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को जमीन देने को गलत बताते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में दावा पेश किया गया है।

श्रीकृष्ण विराजमान, स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं इनलेागों की ओर से पेश किए दावे में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (जो अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता है) एवं शाही ईदगाह मस्जिद के बीच जमीन को लेकर समझौता हुआ था। इसमें तय हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी। वादियों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के नाम पर है। ऐसे में सेवा संघ द्वारा किया गया समझौता गलत है। इसलिए उक्त समझौते को निरस्त करते हुए मस्जिद को हटाकर मंदिर की जमीन उसे वापस कर देने की मांग की गई है।

उन्होंने बताया, अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि शाही ईदगाह ट्रस्ट ने मुसलमानों की मदद से श्रीकृष्ण से सम्बन्धित जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया और ईश्वर के स्थान पर एक ढांचे का निर्माण कर दिया। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मस्थान उसी ढांचे के नीचे स्थित है। याचिका में यह दावा भी किया गया कि मंदिर परिसर का प्रशासन सम्भालने वाले श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने सम्पत्ति के लिए शाही ईदगाह ट्रस्ट से एक अवैध समझौता किया।

आरोप लगाया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान श्रद्धालुओं के हितों के विपरीत काम कर है इसलिए धोखे से शाही ईदगाह ट्रस्ट की प्रबंध समिति ने कथित रूप से 1968 में संबंधित सम्पत्ति के एक बड़े हिस्से को हथियाने का समझौता कर लिया।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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