नई दिल्ली। पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के अनुष्ठानों के महत्व को मान्यता देते हुए उड़ीसा उच्च न्यायालय ने पवित्र शहर की सतशाही पूजा समिति को दुर्गा पूजा की इजाजत दे दी। अदालत ने यह अनुमति दुर्गा की प्रतिमा का आकार सरकार द्वारा स्वीकृत आकार से बड़ा होने के बावजूद दी है।
राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत अन्य चीजों के साथ ही देवी-देवताओं की प्रतिमा का आकार भी सिर्फ चार फुट तक ही तय किया था।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, एक बार के उपाय के तहत, अगर समिति की प्रतिमा चार फुट से बड़ी बन चुकी है और इसका श्री जगन्नाथ मंदिर के रिवाज से संबंध है तो यह अदालत ओडिशा में मंदिर के विशेष दर्जे को देखते हुए उसमें बाधा नहीं डालना चाहती और याचिकाकर्ता (सतशाही पूजा समिति) को पूजा की इजाजत देती है।’
उच्च न्यायालय ने पुरी जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह सतशाही पूजा समिति की प्रतिमा के विसर्जन के लिये अलग से व्यवस्था करे और इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया जाए।