नई दिल्ली। ओडिशा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को स्टील सिटी राउरकेला में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उसके आसपास के वायु प्रदूषणकारी उद्योगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि वायु की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता। हालांकि सुंदरगढ़ जिले के कलेक्टर और राउरकेला नगर निगम के आयुक्त को एक ताजा पत्र में, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अधिकारियों से कुछ प्रतिबंधों के साथ स्कूलों और कॉलेजों के कामकाज की अनुमति देने का आग्रह किया है।
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बोर्ड ने राउरकेला में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता की निगरानी तेज कर दी है। वायु गुणवत्ता की नवीनतम रिपोर्ट से पता चला है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 8 मार्च को 526 से घटकर 10 मार्च को 342 पर आ गया है। इस सुधार के मद्देनजर प्रस्तावित आपातकालीन उपायों को संशोधित किया गया है। स्टील सिटी में अब स्कूल और कॉलेज का संचालन फिर से शुरू कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सलाह दी जा सकती है कि वे कोई भी आउटडोर और खेल गतिविधि न करें।
वहीं पत्र में ये भी कहा गया है कि राउरकेला में अब भारी वाहनों के प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है, हालांकि प्रदूषण के स्तर को और नीचे लाने के लिए प्रमुख सड़कों की सफाई और पानी के छिड़काव की गतिविधि तेज हो सकती है। रेलवे साइडिंग में पर्याप्त पानी के छिड़काव और एप्रोच सड़कों की सफाई के साथ गतिविधियों को फिर से शुरू किया जा सकता है। माल और सामग्री ले जाने वाले सभी ट्रक राउरकेला शहर में प्रवेश कर रहे हैं, पूरी तरह से तिरपाल से ढका होना चाहिए। हालांकि, बोर्ड ने सभी प्रकार के कचरा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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कचरा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध
इससे पहले, बुधवार को जारी किए गए अपने पत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिला प्रशासन से आग्रह किया था कि वह शहर में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को छोड़कर भारी डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए, जब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ। इसके अलावा राउरकेला शहर के आसपास के क्षेत्र में कचरा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने, कृषि अवशेषों को जलाने और जंगल की आग को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की भी सलाह दी थी।