नई दिल्ली। ओड़िशा (Odisha) में एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी से हुए सामूहिक बलात्कार के सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी बिबन बिस्वाल (Biban Biswal) को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के 22 साल बाद पुलिस आयुक्त ने पहचान बदलने और पुणे में रहने वाले बीबन को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकडऩे के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’ शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका।
Odisha: छात्रों ने पेश की मिसाल, स्कूल के लिए की सड़क की मरम्मत
मुख्यमंत्री को देना पड़ा था इस्तीफा
मिली जानकारी के अनुसार 9 जनवरी 1999 को भुवनेश्वर-बारंग रोड पर एक महिला के साथ कार के भीतर सामूहिक बलात्कार किया गया था। खबर फैलते ही राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया। इसके करण तत्कालीन मुख्यमंत्री जे बी पटनायक को 1999 में इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय मुख्य आरोपी बिबन बिस्वाल फरार थे, जबकि अन्य दो आरोपी प्रदीप साहू और धीरेंद्र मोहंती को 1999 जनवरी 26 को गिरफ्तार किया गया था।
जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालु ने दान किया 7 किलो से अधिक सोना-चांदी, नाम नहीं किया जाहिर
सीबीआई को सौंप दी गई थी केस
बाद में उच्च न्यायालय (High court) के आदेश पर यह जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। 29 अप्रैल 2002 को खोरधा जिला न्यायाधीश प्रदीप और धीरेंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जिस समय प्रदीप की मौत हुई, धीरेंद्र अब जेल में है। दूसरी ओर, बिबन बिस्वाल ने अपना नाम बदलकर जलंधर स्वाइन बनके पुणे एंबी वैली में पानी मैकेनिक के रूप में काम किया। जालंधर के नाम से आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक बनाए गए। पुलिस ने बीबन को पुणे में गिरफ्तार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी बोले-‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का रोल अहम
आयोग के सुधांशु सदांगी ने कहा, “22 साल बाद, बीबन की गिरफ्तारी ओडिशा पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। वहीं सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी। महिला ने मुख्य आरोपी को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की है।