नई दिल्ली: कोविड (Covid) के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के विरूद्ध ‘सीरम इंस्टीट्यूट’ (Serum Institute) बूस्टर डोज (Booster Dose) लाने की तैयारी में लगा हुआ है। जबकि, फिलहाल इस नए वैरिएंट के बारे में हो रहे अध्ययनों और उनके निष्कर्षों का प्रतीक्षा किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट के मुखिया ‘अदार पूनावाला’ (Adar Poonawalla) ने एक साक्षात्कार में बताया कि – ओमिक्रॉन पर हो रहे शोध को पूरा होने में एक से दो हफ्ते का समय लग सकता है। हम उन निष्कर्षों का प्रतीक्षा कर रहे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम नया टीका तैयार करने में लग जायेंगे।
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सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख ‘अदार पूनावाला’ ने बताया कि – अगर जरूरत पड़ी तो जो नया टीका तैयार होने वाला है, वह बूस्टर डोज के रूप में दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि – उसे तैयार करने में छह माह का समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि – शोध के आधार पर ही हम तय करेंगे कि यह तीसरा या चौथा टीका होगा या बूस्टर डोज। ये भी हो सकता है कि – ओमिक्रॉन के लिए अतिरिक्त टीके की जरूरत ही न पड़े।
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सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख ‘अदार पूनावाला’ ने कहा कि – ‘द लैंसेट’ के अध्ययन में सामने आया है कि कोविशील्ड 63 फीसदी तक कोविड पर असरदार है और यह अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को भी कम करती है। इसके बावजूद अगर लोगों को बूस्टर डोज देने की जरूरत पड़ी तो हमारे पास पर्याप्त खुराक मौजूद है। उन्होंने बताया कि – हमारे पास दो करोड़ से अधिक खुराक अभी मौजूद हैं, सरकार एलान करती है तो हम उसे उपलब्ध करा सकते हैं।
सीरम इंस्टिट्यूट के प्रमुख ‘अदार पूनावाला’ ने कहा कि – जिन लोगों ने टीके की एक ही खुराक ली है या एक भी नहीं ली है। उन्हें दोनों खुराक ले लेनी चाहिए। इसके बाद ही अगर जरूरत पड़ती है तो बूस्टर डोज का प्रयोग किया जा सकता है। जबकि, अभी तक सरकार की बूस्टर डोज देने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि – हिंदुस्तान और यूरोपियन देशों की स्थितियों में बहुत अंतर है।
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