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Thursday, March 28, 2024

ब्रिटिश मीडिया में एक वर्ग ने हार के लिये टीम को दोषी कहा, अन्य ने पिच पर ठीकरा फोड़ा

नई दिल्ली। ब्रिटिश मीडिया (British media) ने गुलाबी गेंद के टेस्ट में अपनी क्रिकेट टीम के भारत से दो दिन में हारने की आलोचना की और इसके लिये विवादास्पद रोटेशन नीति और अपने बल्लेबाजों की तकनीकी असफलताओं को जिम्मेदार ठहराया। जबकि अन्य ब्रिटिश मीडियाने नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पर भी ऊंगली उठायी गयी।

इंग्लैंड (England) को गुरूवार को तीसरे टेस्ट में स्पिनरों के मुफीद पिच पर भारत (India) से 10 विकेट की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा जिससे टीम चार मैचों की श्रृंखला में 1-2 से पिछड़ गयी। मैच दो दिन में खत्म हो गया जिससे पिच की भी आलोचना की गयी जिसमें कुछ पूर्व खिलाड़ियों जैसे माइकल वॉन ने कहा कि यह टेस्ट क्रिकेट के लिये आदर्श पिच नहीं थी।

इंग्लिश मीडिया की तीसरे टेस्ट को लेकर राय

इंग्लैंड की‘द गार्डियन’ अखबार ने इंग्लैंड के खराब प्रदर्शन की आलोचना की। इसकी रिपोर्ट का शीर्षक था, इंग्लैंड के दो दिन में हारने की जांच में कोई आसान जवाब नहीं मिलेगा। इसमें लिखा, ‘‘भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मिली निराशाजनक हार के लिये किसे दोषी ठहराया जाये, यह काफी मुश्किल है क्योंकि इतनी सारी चीजें गलत हुईं।

अखबार ने फिर रोटेशन नीति को इसका जिम्मेदार ठहराया जिसके कारण श्रृंखला के कारण मुख्य खिलाड़ियों को आराम दिया गया। इसके अलावा टीम के परिस्थितियों को नहीं पढ़ पाने के लिये भी दोषी माना और लिखा, पिछले हफ्ते चेन्नई में मिली करारी शिकस्त का हैंगओवर।

इस लेख में कहा गया, पहली पारी में जब स्कोर दो विकेट पर 74 रन था तो बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा सके, ऐसा इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड की बेकार प्राथमिकताओं के कारण स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अनुभव की कमी, गुलाबी गेंद, पिच की प्रकृति के कारण हुआ और सबसे महत्वपूर्ण कि वे एक बेहतर टीम के खिलाफ थे।

‘द सन’ ने इंग्लैंड को अयोग्य बताते हुए उसकी चयन नीति की आलोचना की। डेव किड ने अपने कॉलम में लिखा, ‘‘अयोग्य इंग्लैंड टीम को अहमदाबाद की टर्निंग पिच पर भारत के हाथों शर्मसार होना पड़ा जिसमें टीम एक स्पिनर और चार ‘11वें नंबर’ के बल्लेबाजों के साथ उतरी।

‘विजडन’ ने इस हार के लिये लिखा, इस देश के टेस्ट मैचों के इतिहास में कभी भी इंग्लिश क्रिकेट इतना खराब नहीं लगा। लेकिन कुछ अखबार और विशेषज्ञ ऐसे भी थे जिन्होंने टेस्ट को दिन का मुकाबला बनने के लिये पूरी तरह से मोटेरा की टर्निंग पिच को जिम्मेदार ठहराया।

‘द मिरर’ में एंडी बन ने अपने कॉलम में लिखा, भारत इस पिच से खेल भावना की सीमाओं को लांघने के करीब पहुंच गया – यह टेस्ट क्रिकेट नहीं था। इसमें लिखा गया, ‘‘घरेलू हालात का फायदा उठाना सही है लेकिन यह पांच दिवसीय मैच के लिये फिट पिच नहीं थी जिससे इंग्लैंड करीब 90 साल में भारत से इतने कम समय में टेस्ट मैच हार गया।

‘द टेलीग्राफ’ के मशहूर क्रिकेट लेखक सिल्ड बैरी के अनुसार, यह अनफिट पिच टेस्ट क्रिकेट के लिये नहीं थी – भारत के विश्व चैम्पियनशिप अंक काट देने चाहिए। बैरी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद से नवनिर्मित नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम को इस घटिया पिच को तैयार करने के लिये प्रतिबंधित करने की भी मांग की। लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि विश्व संस्था इतनी साहसिक है क्योंकि इस मैदान का नाम भारत के प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है।

बैरी ने लिखा, ‘‘आईसीसी नियमों के अनुसार नरेंद्र मोदी स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से 12 से 14 महीने के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित कर देना चाहिए। उन्होंने साथ ही लिखा, नरेंद्र मोदी स्टेडियम को नाम की वजह से प्रतिबंधित नहीं किया जायेगा। स्टेडियम का नाम भारत के प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है, जो तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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