नई दिल्ली। कोरोना के लगातार मामले बढ़ते जा रहे है इसके चलते एक बार फिर से दिल्ली एम्स ने ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया है। इसके अलावा एम्स में कुछ लोगों को ऑनलाइन पंजीयन मिलेगा तो वो अस्पताल में खुद का इलाज करवा सकते है। वहीं हर कोई इस बार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर काफी परेशान है, क्योंकि इससे पहले भी इतने केस सामने नही आए थे और कोरोना की दूसरी बहुत तेजी से बढ़ रही है।
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इसी सबके चलते मंगलवार को एम्स के डॉ डीके शर्मा ने कहा है कि,- गुरूवार से ओपीडी की सुविधा बंद करने का फैसला किया है। इसके बाद ओपीडी में सिर्फ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया जा सकेगा। औऱ मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया है। चार सप्ताह यानि एक महीने तक यह नियम लागू रहेगा। अगले माह समीक्षा के बाद आगे की स्थिति को लेकर कुछ तय किया जा सकेगा। नए निर्देश के तहत प्रत्येक विभाग में हर रोज अधिकतम 50 मरीजों का ही पंजीकरण किया जाएगा। इसके अलावा शाम को चलने वाले विशेष सुपरस्पेशलिटी क्लिनिक में भी ऑफलाइन पंजीकरण बंद किया गया है।
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, – हमें अब एक नई रणनीति की जरूरत है जिसमें हॉटस्पॉट्स के अंदर लॉकडाउन लगाए जाने जैसे सुझाव शामिल हो सकते हैं। औऱ हम पूर्ण रूप से लॉकडाउन लागू नहीं कर सकते तो मिनी कंटेनमेंटजोन बनाना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के नए मामले समेत महाराष्ट्र समेत 10 राज्य ऐसे हैं जो चिंता का विषय बने हुए हैं। पिछले साल चरणबद्ध तरीके से हटाए गए कंटेनमेंट जोन को फिर से लागू करने की जरूरत है। ज्यादा जरूरत वाले इलाके में उन्हें लागू किया जाना चाहिए। ये कंटेनमेंट जोन मिनी लॉकडाउन की तरह होंगे जहां कोई आवाजाही नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को सुरक्षित रखना जरूरी है। सामुदायिक प्रसार से बचने के लिए यह फैसला लिया है।
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फिलहाल तो ऐसी खबर आ रही है कि अस्पताल प्रशासन को सारे दिशा- निर्देश दे दिए गए है और उनको खबर है कि कैसे स्थिति को काबू में किया जाएगा। साथ ही अस्पताल के कोविड वार्ड में पहले ही तरह संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित रखे जाएंगे। सभी विभागों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा स्नातक के छात्रों की पढ़ाई भी ऑनलाइन माध्यम से कराने के लिए कहा गया है।