नई दिल्ली। बड़ी खबर ओडिशा से आ रही है, यहां पद्म श्री से सम्मानित पर्यावरणविद और ओडिशा के पूर्व सूचना आयुक्त प्रोफेसर राधा मोहन (padma Shri Professor Radha mohan) का शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 78 वर्ष के थे और उनके परिवार में तीन बेटियां हैं।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि गांधीवादी विचाराधारा के राधा मोहन निमोनिया होने के बाद पिछले कुछ दिनों से आईसीयू में भर्ती थे। उनके निधन की सूचना पाकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath kovind) ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया और कहा प्रोफेसर राधा मोहन एक प्रेरणादायक अर्थशास्त्री और पर्यावरणविद थे। वह बड़े विद्वान थे जिन्होंने प्रकृति और मानवता को समृद्ध बनाने के लिए जैविक खेती की तरफ रुख किया। उनके निधन से एक शून्य पैदा हो जाएगा। उनके परिवार तथा प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
Prof Radhamohan was as inspiring an economist as an environmentalist. A profound scholar, he turned to organic farming to enrich nature and humanity. His demise will leave a void. My condolences to his family and followers.
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 11, 2021
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra modi) ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रो. राधा मोहन जी खेती खासतौर से सतत और जैविक खेती अपनाने को लेकर बहुत उत्साही थे। अर्थशास्त्र और पारिस्थितिकी से संबंधित विषयों पर जानकारी के लिए भी उनका बहुत सम्मान किया जाता था। उनके परिवार तथा प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।
Prof Radhamohan Ji was deeply passionate about agriculture, especially adopting sustainable and organic practices. He was also respected for his knowledge on subjects relating to the economy and ecology. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 11, 2021
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen patnaik) ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया और कहा गांधीवादी विचारधारा के और पद्म श्री से सम्मानित प्रो. राधामोहन के निधन के बारे में जानकार बहुत दुखी हूं। अर्थशास्त्री से पर्यावरणविद बने राधा मोहन ने सतत जैविक खेती में उल्लेखनीय योगदान दिया। शोक संतप्त परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।
Deeply saddened to know the passing away of Gandhian and Padma Shri awardee Prof Radhamohan. An economist turned environmentalist had distinguished contribution to sustainable organic farming. My thoughts and prayers are with the bereaved family members and well-wishers.
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) June 11, 2021
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आपको बता दें कि राधा मोहन और उनकी बेटी साबरमती को नयागढ़ जिले में बंजर जमीन को हरे भरे जंगल में बदलने की उनकी 30 साल की कोशिशों के लिए पिछले साल पद्म श्री दिया गया था। पिता-पुत्र ने सतत जैविक खेती पर किसानों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एक सामाजिक संगठन बनाया था। नयागढ़ जिले में एक छोटे-से गांव में 1943 को जन्मे राधा मोहन ने पुरी में एसीएस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया और 1965 में उत्कल विश्वविद्यालय से प्रायोगिक अर्थशास्त्र में परास्नातक किया। इसके आलावे ओडिशा सरकार ने उनकी उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए उन्हें उत्कल सेवा सम्मान भी दिया था। इसी तरह यूएनईपी ने पर्यावरण पर उल्लेखनीय काम के लिए राधा मोहन को ‘‘द ग्लोबल रोल ऑफ ऑनर’’ से सम्मानित किया था।