नई दिल्ली। पाकिस्तान की एजेंसियां अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) के प्रमुख फाइनेंस मैनेजर और ड्रग ऑपरेटर जाबिर मोतीवाला (Jabir Motiwala) के अमेरिका प्रतियर्पण को विफल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों को मोतीवाला के वकीलों के साथ देखा गया है।
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वकीलों ने आखिरी कोशिश के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। ताकि अमेरिका में किसी भी तरह से मामले की सुनवाई से बचा जा सके। खुफिया सूत्रों का कहना है कि अगर हाईकोर्ट ने जाबिर मोतीवाला के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी, तो उसपर अमेरिका में ड्राग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों पर सुनवाई होगी, जिससे अमेरिका के कोर्ट में डी कंपनी का आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) और पूरे अंडरवर्ल्ड ऑपरेशन से जुड़ा कनेक्शन सामने आ जाएगा।
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पाकिस्तानी नागरिक है मोतीवाला
नई दिल्ली में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘जाबिर से जुड़े मामले की सुनवाई से ये भी पता चलेगा कि कैसे मुंबई बम धमाकों के मामले में वॉन्टिड वैश्विक आतंकी दाऊद कराची से ही अपना काम कर रहा है और कैसे आईएसआई के संरक्षण वाले आतंकी संगठनों के साथ ड्रग्स के रूट साझा कर रहा है।’ दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाला मोतीवाला पाकिस्तानी नागरिक है और वर्तमान में दक्षिणपश्चिमी लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण करने के मामले में फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
अमेरिकी एजेंसियों ने सबूत पेश किए
इस प्रत्यर्पण को वेस्टमिन्सटर मजिस्ट्रेट कोर्ट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट मामले में जल्द फैसला सुना सकता है। दूसरी ओर पाकिस्तान का मीडिया कह रहा है कि मोतीवाला कराची के अमीर परिवार से है और उसे अमेरिका की कानून एजेंसियों ने ड्रग्स के मामले में फंसाया है। वहीं अमेरिका की एजेंसियों ने मोतीवाला के खिलाफ कोर्ट में सबूत पेश किए हैं। जिसमें वो टेप्स भी शामिल हैं, जो साबित करती हैं कि वह D कंपनी के लिए काम करता है और ड्रग्स की डीलिंग करता है।
पाकिस्तान ने बताया ‘सम्मानित बिजनेसमैन’
इससे पहले भी पाकिस्तान के राजनयिकों ने प्रत्यपर्ण को रोकने के लिए मोतीवाला के वकील की ओर से मजिस्ट्रेट कोर्ट में लेटर जमा किया था, जिसमें कहा गया था कि ‘मोतीवाला पाकिस्तान का सम्मानित बिजनेसमैन है। पाकिस्तान के अधिकारियों को इस बात का डर है कि अगर मोतीवाला का अमेरिका में प्रत्यर्पण हो गया तो दाऊद इब्राहिम के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और डॉन के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ कनेक्शन के बारे में पूरी दुनिया को पता चल जाएगा. अमेरिका पहले ही दाऊद को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है।
वकील बोला- डिप्रेशन में है
सूत्रों का कहना है कि दाऊद के साथी मोतीवाला को स्कॉटलैंड यार्ड की प्रत्यर्पण यूनिट ने गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया. उसपर मनी लॉन्ड्रिंग करने और डी कंपनी की ओर से ड्रग्स से एकत्रित किए पैसे को साझा करने का आरोप था।
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D कंपनी के वकील ने कोर्ट में कहा था कि मोतीवाला को डिप्रेशन है और वह कई बार आत्महत्या करने की कोशिश कर चुका है. मोतीवाला पर ये भी आरोप है कि उसने डी कंपनी की काली कमाई को विदेश में कई प्रोजेक्ट में निवेश किया है। वह ड्रग तस्करी करता है और यूरोप में डी कंपनी के लिए पैसे इकट्ठा करता है। अगर उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण होता है तो ये दाऊद और पाकिस्तान में बैठे उसके संरक्षकों के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा।