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Tuesday, April 16, 2024

ब्रिटेन में शुरु हुए Pfizer Coronavirus Vaccine के कैंपेन, दुनिया को मिलेगी सीख

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने जहां पुरी दुनिया को हिला कर रख दिया है वही दूसरी तरफ हर देश इसकी वैक्सीन को खोज रहा है। खबरें आ रही है कि ब्रिटेन में इस माहमारी का इलाज मिल गया है। कुछ तस्वीरें सामने आई है सोशल मीडिया की जिसमें दिख रहा है कि ब्रिटेन में Pfizer की कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने के लिए कैंपेन चल रहे है। और बड़ी बात ये कि अब पूरी दुनिया की नजरें ब्रिटेन पर टीकी है।

ब्रिटेन में शुरु हुए कैंपेन

ब्रिटेन में Pfizer की कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने के लिए कैंपेन शुरू हो चुका है। देश में अब तक के सबसे बड़े वैक्सिनेशन कैंपेन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। Pfizer को ब्रिटेन में इमर्जेंसी के इस्तेमाल के लिए इजाजत मिल गई थी जबकि भारत में भी कंपनी ने इजाजत मांगी है। Pfizer की वैक्सीन जितनी असरदार है, इसके स्टोरेज को लेकर उतनी ही आशंकाएं रही हैं। हालांकि, घातक वायरस से लोगों को बचाने के लिए वैक्सीन लगाए जाने की तस्वीरें दुनियाभर में उम्मीद भी जगा रही है। 98 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है और वे बाकी आबादी से इस पर भरोसा रखने की अपील भी कर रहे हैं।

वैक्सीन की खुराक इंजेक्शन के जरिए बांह के ऊपरी हिस्से में दी जाएगी। इसके 21 दिन बाद दूसरा शॉट दिया जाएगा। थोड़ी इम्यूनिटी पहली खुराक के 12 दिन बाद और पूरी तरह से दूसरी खुराक के 7 दिन बाद मिल सकेगी। ब्रिटेन में लोग वैक्सीन के लिए ‘Call’ और ‘Recall’ का अपॉइंटमेंट ले रहे हैं। Call के जरिए पहली खुराक और फिर Recall से दूसरी खुराक लेने वे पहुंचेंगे।

अभी तक के अनैलेसिस में पता चला है कि वैक्सीन से 95% लोगों को कोविड-19 से बचाया जा सका है। वहीं बुजुर्गों में इसका असर 94% लोगों पर रहा है। इससे मिलने वाली इम्यूनिटी कम से कम 6 महीने या उससे ज्यादा भी रह सकती है। ब्रिटेन में सबसे पहले बुजुर्गों को वैक्सीन दी जा रही है और अब तक इसे लेने वाले लोगों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसा रखने की अपील की है।

वैक्सीन के ट्रायल में इसका कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं पाया गया है। कुछ लोगों में बाहों में दर्द, बुखार या मांसपेशियों में दर्द देखा गया लेकिन यह ज्यादा चिंताजनक नहीं रहा। ब्रिटेन में मेडिसिन्स ऐंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी किसी भी तरह के गंभीर असर को मॉनिटर कर रही है। वहीं, वैक्सीन देने के 15 मिनट बाद लोगों को रुकना होगा ताकि किसी रिएक्शन को रजिस्टर किया जा सके।

भारत को भी मिलेगी?Pfizer ने भारत में भी इस्तेमाल के लिए इजाजत मांगी है लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवराजेश भूषण का कहना है कि भारत फिलहाल मौजूदा कोल्ड-चेन क्षमता बढ़ने की स्थिति में नहीं है। यही नहीं, तापमान के अलावा कम समय में वैक्सीन डिलिवर करना भी एक चुनौती होगा। इसे देने के लिए पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग भी देनी होगी। ऐसी जगहों पर वैक्सीन डिलिवर करना मुश्किल होगा जहां वैक्सिनेशन सेंटर दूर हों या जहां लोग ही वैक्सिनेशन के लिए तैयार न हों।

Priya Tomar
Priya Tomar
I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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