नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर जमकर हमला बोला है। उन्होंन कहा प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं, ये लोकतंत्र को चलाने का कोई तरीका नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इतना पर ही नहीं रूके आगे उन्होंने कहा विपक्षी सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो चुके हैं, जिन मुद्दों पर सदन में विपक्ष बहस करना चाहती है, उनपर हमें बहस करने नहीं दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को लोकतंत्र में बहस व असहमति का क्या महत्व होता है, इस विषय में को ट्यूशन की ज़रूरत है।
लोकतंत्र में बहस व असहमति का महत्व-
इस विषय में मोदी सरकार को ट्यूशन की ज़रूरत है।#Debate #Dissent #Democracy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 14, 2021
दरअसल, राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्यों के समर्थन में निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने से पहले राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया है। गत मानसून सत्र में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
धर्म परिवर्तन को लेकर मिशनरी स्कूल में हिंदू संगठनों का हंगामा
ये है 12 निलंबित सदस्य
बता दें कि मानसून सत्र के लिए जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।