नई दिल्ली। जो बाइडन (Joe Biden) के राष्ट्रपति बनने के बाद लोगों के दिमाग में सवाल था कि क्या भारत के साथ अमेरिका का संबंध पिछली सरकार जैसा रहेगा, इन सवालों का जवाब आज मिल गया। दरअसल अमेरिका (America) के राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को फोन पर बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रारूप तय किया।
President @JoeBiden and I are committed to a rules-based international order. We look forward to consolidating our strategic partnership to further peace and security in the Indo-Pacific region and beyond. @POTUS
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2021
आपको बता दें दोनों नेताओं ने कोविड-19 (Covid 19) से मिलकर मुकाबला करने पर सहमति जताई तथा जलवायु परिवर्तन पर आपसी साझेदारी को नया स्वरूप देने पर प्रतिबद्धता जाहिर की। बाइडन और मोदी ने दोनों देशों की जनता के फायदे के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) के पुनर्निर्माण तथा वैश्विक आतंकवाद के खतरे का मिलकर सामना करने पर भी सहमति प्रकट की। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।
बातचीत का ब्यौरा देते हुए व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के वास्ते नजदीकी सहयोग को जारी रखने पर सहमति जताई। इसमें नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और ‘क्वाड’ के जरिये मजबूत क्षेत्रीय अवसंरचना का निर्माण शामिल है। बातचीत के दौरान बाइडन ने विश्व भर में लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा के अपने संकल्प को रेखांकित किया और कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता भारत अमेरिका संबंधों का आधार है।
बाइडन और मोदी के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू कहा कि हम भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही हम कोविड-19, अर्थव्यवस्था में सुधार, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद से मुकाबला, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग जैसी क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए तीन नवंबर को हुए चुनाव के बाद बाइडन और मोदी के बीच फोन पर यह दूसरी बार वार्तालाप हुई। संधू ने कहा कि हाल के दिनों में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्षों से बातचीत की थी जो बहुत अच्छी और दूरगामी दृष्टिकोण वाली रही।