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Wednesday, September 11, 2024

Azadi Ke Amrit Mahotsav: अमृत महोत्सव में PM ने लिया हिस्सा, देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने का दिया मंत्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ke Amrit Mahotsav) से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’, कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साथ देने पर फिर से फंसी Kangana Ranaut
समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती

आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं। जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो, एक ऐसा समाज बना रहे हैं, जो समानता औऱ सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो, हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं, जिसकी सोच और अप्रोच नई है, और जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं। इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है, साधना भी है। इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है, ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं।

महिलाओं के बलिदान को किया याद

दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहाँ गार्गी, मैत्रेयी, अनुसूया, अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियाँ समाज को ज्ञान देती थीं। कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं।

देश स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा

अमृत महोत्सव (Azadi Ke Amrit Mahotsav) में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। कित्तूर की रानी चेनम्मा, मतंगिनी हाजरा, रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई से लेकर सामाजिक क्षेत्र में अहल्याबाई होल्कर और सावित्रीबाई फुले तक, इन देवियों ने भारत की पहचान बनाए रखी।

अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित

पीएम मोदी ने कहा, हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है, अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है। साथ ही, टेक्नोलॉजी, इनफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है। अमृतकाल का ये समय, सोते हुए सपने देखने का नहीं बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है।

आने वाले 25 साल, परिश्रम की पराकाष्ठा, त्याग, तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वर्ष का कालखंड, उसे दोबारा प्राप्त करने का है। हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया। हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ाएंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नई ऊंचाई पर भी पहुंचेगा।

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Archana Kanaujiya
Archana Kanaujiya
I am Archana Kanaujiya working as Content Writer/Content Creator. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Editing and Photography.

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