नई दिल्ली: देश के जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के लगभग 23 सदस्यों को त्रिपुरा में पुलिस ने होटल में नजरबंद कर दिया। त्रिपुरा पुलिस ने उनको कोरोना की रिपोर्ट के आने तक वहीं ठहरने को कहा है। खबरों के मुताबिक प्रशांत किशोर अपनी कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी के सदस्यों के साथ त्रिपुरा में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आकलन करने पहुंचे थे।
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कोराना प्रतिबंध में बाहर घूम रहे थे लोग- पुलिस
पुलिस अधीक्षक माणिक दास ने कहा, “लगभग 22 बाहरी लोग विभिन्न स्थानों पर घूम रहे थे। चूंकि कोविड प्रतिबंध लागू है, इसलिए हम उनके शहर में आने और ठहरने के कारणों की पुष्टि करने के लिए पूछताछ कर रहे हैं। उन सभी की सोमवार को कोविड की जांच की गई, रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।”
लोकतंत्र पर हमला- TMC
तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष आशीष लाल सिंह ने हालांकि इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया। सिंह ने कहा, “यह लोकतंत्र पर हमला है। त्रिपुरा का निवासी होने के कारण मैं स्तब्ध हूं। यह त्रिपुरा की संस्कृति नहीं है। त्रिपुरा में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के कुशासन के कारण टीएमसी को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया और समर्थन से भाजपा घबरा गई है।”
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अभिषेक बनर्जी का बीजेपी पर तंज
इस घटना के लिए बीजेपी की आलोचना करते हुए, टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, “@BJP4Tripura में @AITCofficial के जमीन पर कदम रखने से पहले ही डर स्पष्ट से अधिक है। वे #बंगाल में हमारी जीत से इतने बौखला गए हैं कि उन्होंने अब 23 IPAC कर्मचारियों को नजरबंद कर दिया है। इस देश का लोकतंत्र भाजपा के कुशासन में हजारों लोगों की जान लेता है।”
बता दे बंगाल चुनाव में टीएमसी की जीत में प्रशांत किशोर ने काफी सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने चुनाव के शुरू में ही भाजपा के हारने की बात कह दी थी। लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है और बिप्लब कुमार देव यहां के मुख्यमंत्री हैं।
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