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Thursday, March 28, 2024

पोस्ट कोविड के केस आ रहे हैं सामने, अस्पतालों की फिर से बढ़ रहीं हैं मुश्किलें

नई दिल्ली। कोविड खत्म होगा या नहीं इस बात को लेकर सबके मन में सवाल है। और सवाल आना जरुरी भी है, क्योंकि दो लहरों के बाद तीसरी लहर की भी आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा सबसे ज्यादा खतरनाक बात ये है कि पोस्ट कोविड केस भी सामने आ रहे है। दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। और फिर से लोगों के बीच डर का माहौल पैदा हो गया है। कोरोना के चलते अभी भी दिल्ली की स्थिति ठीक नहीं है।

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डेड Corona Virus हो रहा है घातक, बढ़ रही है मरीजों की संख्या

गौरतलब है कि कोरोना महामारी ने देश की स्थिति कितनी खराब कर रखी थी। पहली लहर ने जहां एक तरफ लोगों को बुरी स्थिति जीने के लिए मजबूर किया वहीं दूसरी लहर में ना जानें कितनों की जान गई थी। तो ऐसे में अस्पताल लेकर आम इंसान और सेलेब्स तक हर कोई कोरोना ने डर गया था। परंतु अब तो फिर से चीजें खराब हो रही है, पोस्ट कोविड के मामले सामने आ रहे है जो कि फिर से चिंता का विषय बन रहे है।

पोस्ट कोविड मामलों को लेकर जब रिसर्च की गई तो राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों से संपर्क करने पर पता चला कि ज्यादातर बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इन दिनों सबसे ज्यादा आईसीयू मरीज पोस्ट कोविड से जुड़े हैं। और वहीं महीने भर बाद किसी को सांस लेने में राहत नहीं है तो किसी को बुखार या पेट दर्द की शिकायत है। कई लोग ऐसे भी हैं जिनमें तनाव, चिंता और डर जैसे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लक्षण भी हैं।

इसके अलावा हम अगर सरकारी अस्पतालों की बात करें तो एम्स में 82, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में 12, आरएमएल अस्पताल में 76 मरीज भर्ती हैं। इनके अलावा अपोलो, मैक्स साकेत, फोर्टिस और बीएलके सहित बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 300 से अधिक पोस्ट कोविड मामले हैं। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन स्तर भी सुधर चुका है और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है, लेकिन लक्षण काफी अजीब हैं, जिन्हें आसानी से समझ पाना काफी जटिल है।

इस तरह के कोविड के मामलों को लेकर एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि,- पोस्ट कोविड मामले काफी चुनौतियां लेकर सामने आए हैं। डॉ. करन मदान ने बताया कि पल्मोनरी के मामलों में एक ही मरीज में कई लक्षण मिल रहे हैं। कई बार जांच कराने के बाद भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। वहीं, सफदरजंग अस्पताल के डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि उनके यहां चार ऐसे मरीज हैं जिनमें अब तक सही कारण पता नहीं चला है। इन मरीजों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी तरह परेशानी पता चल सके।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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