नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘दिल्ली चलो” मार्च को लेकर किसान और पुलिस के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को संबंधित करते हुए कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता और केंद्र स्थिति को सामान्य करने के लिए किसानों के साथ तुरंत बातचीत करे।
I welcome Centre’s decision to allow farmers to enter Delhi to exercise their democratic right to protest. They should also now initiate immediate talks to address farmers' concerns on the #FarmLaws and resolve the simmering issue. pic.twitter.com/9oJk296pOZ
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 27, 2020
सिंह ने सवाल किया कि स्थिति जब नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो केंद्र किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर का इंतजार क्यों कर रहा है। सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, किसानों की आवाज दबायी नहीं जा सकती है। केंद्र को दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान संघ के नेताओं के साथ तुरंत बातचीत शुरू करनी चाहिए। अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है तो तीन दिसंबर तक इंतजार क्यों करें”
वहीं दिल्ली पुलिस ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद हरियाणा में पुलिस बैरिकेड तोड़ने के बाद पंजाब के किसानों के समूह शुक्रवार सुबह दिल्ली की दो सीमाओं के पास पहुंचने में कामयाब रहे ।सिंह ने केंद्र से कहा कि वह राष्ट्र भावना दिखाएं और किसानों की सुनिश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को स्वीकार करें।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार को सुनिश्चित एमएसपी के लिए किसानों की मांग को स्वीकार करने की जरूरत है, जो हर किसान का मूल अधिकार है। अगर वे मौखिक आश्वासन दे सकते हैं तो मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि वे इसे कानूनी रुप से लागू क्यों नहीं कर सकते।”सिंह ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जिन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस किसानों को ‘अंधा’ बताकर भड़का रही है और कहा कि किसान ‘जीवन और आजीविका’ के लिए लड़ रहे हैं।
कृषि मंत्री ने किसानों से की अपील
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि ‘मैं अपने किसान भाइयों से अपील करना चाहता हूं कि वे आंदोलन न करें। नए कृषि कानूनों को समय की आवश्यकता थी। आने वाले समय में यह क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। हमने पंजाब में सचिव स्तर पर अपने किसान भाइयों की गलत धारणाओं को दूर करने के लिए बात की है। हम 3 दिसंबर को बात करेंगे”।