नई दिल्ली। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने एक बार फिर से सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। नाराज सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पंजाब कांग्रेस के नेता उन्हें मनाने में लगे हुए हैं. हालांकि सूत्रों से यह खबर भी आ रही है कि पार्टी हाईकमान अब झुकने के मूड में नहीं है।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। एक ओर जहां कांग्रेस सिद्धू के साथ नाराज नेताओं को मनाने में जुटी है, वहीं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच तकरीबन 40 मिनट तक बातचीत चली, हालांकि दोनों के बीच क्या बात हुई, इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। कैप्टन की अमित शाह से होने वाली इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर जल्द ही भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं।
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नवजोत सिंह सिद्धू के पीपीसीसी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने से पंजाब कांग्रेस में एक नया संकट पैदा होने के एक दिन बाद पार्टी नेतृत्व ने उन्हें शांत करने की कोशिशें शुरू की, लेकिन सिद्धू पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। कांग्रेस ने अपने केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश चौधरी को पार्टी नेताओं से बात करने और संकट को सुलझाने के लिए बुधवार को चंडीगढ़ भेजा, लेकिन सिद्धू चंडीगढ़ नहीं आए। वह पटियाला के अपने आवास में ही रहे. उन्होंने अपने करीबियों की सलाह नहीं मानी और इस्तीफा वापस नहीं लिया, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्होंने सिद्धू को फोन किया और बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
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गौरतलब है कि पंजाब में जारी सियासी घमासान के बीच पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि था कि कांग्रेस में उनको काफी समय से अपमानित किया जा रहा था, हालांकि उस समय उन्होंने कांग्रेस में ही बने रहने की बात कही थी। अपने समर्थकों से बातचीत के बाद ही कोई अगला कदम उठाने की घोषणा भी की थी। तब से माना जा रहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
पिछले दो दिनों से यह अटकलें लगाई जा रहीं थी कि पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि उनके मीडिया सलाहकार ने इससे इनकार किया था। सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने की संभावना है। हालांकि, अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने भाजपा नेताओं के साथ उनकी मुलाकात से इनकार करते हुए कहा था कि वह कुछ दोस्तों से मिलने के लिए निजी तौर पर दिल्ली आए हैं।
अपने इस्तीफे पर मंगलवार को चुप रहने के बाद सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि वह अपनी नैतिकता से समझौता नहीं करेंगे, भले ही इसके लिए पदों का त्याग हो। उन्होंने बरगारी बेअदबी का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार पर फिर से निशाना साधते हुए कहा कि मैं समझौता नहीं करूंगा। मैं पद हासिल करने के लिए नहीं हूं। मैं कुछ भी बलिदान कर सकता हूं। जब मैं देखता हूं कि मुद्दों से समझौता किया जा रहा है तो मैं पद को नहीं रख सकता। सिद्धू ने कहा कि मैं आलाकमान को गुमराह नहीं करूंगा और न ही मैं आलाकमान को गुमराह होने दूंगा। सिद्धू ने कहा कि हमने सिस्टम से दागी नेताओं और अधिकारियों को हटाने पर काम किया है, लेकिन वे वापस आ गए हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। मंत्रियों को विभाग आवंटित किए जाने के कुछ मिनट बाद सिद्धू ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
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