नई दिल्ली: ‘चरणजीत सिंह चन्नी’ (Charanjeet Singh Channi) सरकार ने आज ‘पंजाब प्रदेश कांग्रेस’ प्रधान ‘नवजोत सिंह सिद्धू’ की AG और DGP को हटाने की मांग को मान लिया हैं। सरकार ने एडवोकेट जनरल (Advocate general) एपीएस देओल (APS Deol) का इस्तीफा मान लिया है। इसके बाद भी कांग्रेस (Congress) की अंदरूनी कलह फिर सामने आ गई।
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AG को हटाने पर सांसद Manish Tiwari ने सवाल खड़े किये हैं। मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि – अब पंजाब सरकार ने नए एडवोकेट जनरल को नियुक्त करने का निर्णय ले लिया है। ऐसे में ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ के नियमों को केंद्र में रखा जायेगा। एक वकील कोर्ट, ट्रिब्यूनल और अथॉरिटी के सामने कोई भी केस ले सकता है। वकील कुछ खास हालात में केस लेने से मना भी कर सकता है।
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मनीष तिवारी ने लिखा कि – एजी ऑफिस का सियासीकरण इसके संवैधानिक काम को प्रभावित करता है। पंजाब के दोनों एडवोकेट जनरल पंचिंग बैग की तरह इस्तेमाल किए जायेंगे। ‘मनीष तिवारी’ ने कहा कि – जो लोग एडवोकेट जनरल का विरोध कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि – वकील किसी क्लाइंट से बंधा नहीं होता हैं। उन्होंने इसके लिए ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ की तरफ से वकील के संबंध में जारी नियमों की कॉपी भी ट्वीट करी है।
वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान ‘सुनील जाखड़’ ने ट्वीट किया कि एक सक्षम किन्तु कथित तौर पर समझौता करने वाले अधिकारी के निष्कासन ने एक ‘वास्तव में’ समझौता करने वाले मुख्यमंत्री का पर्दाफाश कर दिया है। साथ ही एक प्रासंगिक सवाल को जन्म भी दिया कि – आखिर किसकी सरकार है ?
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