नई दिल्ली: देश में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता का विषय बना हुआ है। अब तक भारत में इसके 51 मामलों की पुष्टि हुई है। इस बीच आईसीएमआर के पूर्व प्रमुख्य वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने कहा कि डेल्टा बहुत फैसला और ये वैरिएंट चिंता का विषय है। चूंकि ये वैरिएंट चिंता का विषय है, आपको डेल्टा प्लस को भी चिंतित करने वाला वैरिएंट मानना होगा। बता दे कि देशभर के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के वेरिएंट मिले है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट ने बढ़ाई सरकार की चिंता, इन राज्यों में फैला नया वायरस !
रमन गंगाखेडकर ने क्या कहा ?
उन्होंने कहा, “जब मैंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट सेल से सेल ट्रांसफर के लिए जा सकता है, तो अंगों को नुकसान के संदर्भ में इसका क्या मतलब है? अगर दिमाग में चला गया तो क्या होगा? इसके स्नायविक लक्षण (न्यूरोलॉजिकल सिमटम्स) उत्पन्न करने की अधिक संभावना है।” रमन गंगाखेडकर ने आगे कहा, “यह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं किस अंग के बारे में बात कर रहा हूं, यह शायद उन विशिष्ट अंगों को अधिक नुकसान पहुंचाएगा अगर यह सच साबित होता है कि ये प्रमुख पैथोफिजियोलॉजिकल बदलाव का कारण बन रहा है और अलग-अलग अंगों को प्रभावित कर रहा है।”
#WATCH | Raman Gangakhedkar, ex-Head Scientist of Epidemiology & communicable diseases, ICMR speaks on #DeltaPlusVariant. He says, "…Delta has spread a lot & is a Variant of Concern. Since it is a Variant of Concern, you've to also treat Delta Plus as a Variant of Concern…" pic.twitter.com/eDLDqnKMWv
— ANI (@ANI) June 26, 2021
आ रही है कोरोना की ‘सुपरवैक्सीन’, ना वैरिएंट का झंझट, ना महामारी का खतरा!
बता दे स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, डेल्टा प्लस वैरिएंट के मध्य प्रदेश में सात, महाराष्ट्र में 20, पंजाब में दो, गुजरात में 2, केरल में तीन, तमिलनाडु में नौ, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू, कर्नाटक में एक एक मामले आए हैं। डेल्टा प्लस वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाए गए डेल्टा वैरिएंट का ही बदला स्वरूप है। जिसे कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। आज ही सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसद मामले डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के हैं।