नई दिल्ली/झारखंड ब्यूरो/उमेश सिन्हा। पिछले चार साल से वन विभाग के एनओसी के रुका हुआ महामाया मायतुंगरी मंदिर में पीसीसी निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। चार वर्ष के बाद स्थानीय रामगढ़ विधायक ममता देवी के अथक प्रयास के बाद काम पूरा करने के लिए रामगढ़ वन प्रमंडल की ओर से एनओसी जारी किया गया है। इस एनओसी के इंतजार में पिछले चार साल से योजना अधूरी पड़ी हुई थी। अब वन प्रमंडल पदाधिकारी की ओर से भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को एनओसी जारी किया गया हैं।
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वन विभाग ने जारी किया एनओसी
वन विभाग की ओर से निर्माण के लिए एनओसी तो दिया गया है लेकिन साथ ही कई शर्त लगाई गई है, काम करने के लिए वन विभाग की तय की गई शर्तों को मानना जरूरी होगा। इसमें वन विभाग की जमीन का कोई दूसरा उपयोग नहीं करने, वन उत्पाद का इस्तेमाल नहीं करने, वन क्षेत्र की सामग्री का इस्तेमाल नहीं करने, कामगारों के लिए वन क्षेत्र में कैंप नहीं बनाने आदि की शर्ते रखी गई है।
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पुराने डीएफओ ने बंद करवा दिया था काम
योजना का काम 2017 में चालू किया गया था, लेकिन तत्कालीन डीएफओ ने काम बंद करवाते हुए निर्माण के लिए गिराई गई सामग्री को जब्त कर लिया था। तब से भवन प्रमंडल काम के लिए एनओसी की मांग वन प्रमंडल से कर रहा था। मामले में विधायक ममता देवी रामगढ़ डीएफओ से मिलकर योजना को मूर्त रूप दिलवाने में काफी प्रयास की जिसका सुखद परिणाम के रूप में इसका काम फिर शुरू होने जा रहा।
वन विभाग द्वारा माया टोकरी के रुके हुए कार्य के लिए एनओसी दिए जाने पर स्थानीय विधायक श्रीमती ममता देवी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए मैं पूर्णता कटिबद्ध हूं आगे भी इस तरह के विकास कार्य जो किसी कारणवश रुके हुए उसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करूंगी।