नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देने वाले मुद्दे पर अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का बड़ा बयान आया है। प्रसाद ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा वो ‘विकास’ नहीं ‘वसूली’ है। उन्होंने कहा महाराष्ट्र सरकार को कौन चला रहा है? इस वसूली अघाड़ी की राजनीतिक दिशा क्या है? शरद पवार जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि वो गृह मंत्री देशमुख का इतना बचाव कर रहे हैं वो भी गलत तरीके से।
दो दिनों में शरद पवार जी की राजनीतिक साख पर जो बहुत बड़ा धब्बा लगा है, उसका एकमात्र रास्ता है कि शरद पवार अनिल देशमुख का इस्तीफ़ा कराएं। उद्धव ठाकरे की सरकार शासन का नैतिक अधिकार खो चुकी है: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद https://t.co/eTRw2ei8Pf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 23, 2021
केंद्रीय मंत्री ने कहा दो दिनों में शरद पवार जी की राजनीतिक साख पर जो बहुत बड़ा धब्बा लगा है, उसका एकमात्र रास्ता है कि शरद पवार अनिल देशमुख का इस्तीफ़ा कराएं। उद्धव ठाकरे की सरकार शासन का नैतिक अधिकार खो चुकी है। इतना ही नहीं आगे प्रसाद ने कहा ये भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री जी ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?
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NCP प्रमुख पवार ने क्या कहा
एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad pawar)ने सोमवार को कहा था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों का जो समय बताया है, उस समय अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
सिंह (Param Bir Singh) के पत्र का जिक्र करते हुए पवार ने आश्चर्य जताया कि यदि आईपीएस अधिकारी को यह पता था कि देशमुख ने फरवरी के मध्य के आसपास वाजे को बुला कर उससे धन एकत्र करने को कहा था तो उन्होंने आरोप लगाने में एक महीने का इंतजार क्यों किया। हलांकि मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह के आरोप की जांच होनी चाहिए, तो पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि चाहें तो वह किसी भी अधिकारी या मंत्री की जांच करा सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख (Anil deshmukh) ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था। जिसके बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई।