नई दिल्ली। चेन्नई और उसके आसपास के जिलों के साथ-साथ उत्तरी तमिलनाडु (Chennai floods) के कई अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। हालांकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने पहले ही इसकी चेतावनी दे दी थी। इसके साथ ही विभाग ने चेन्नई सहित तिरवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपेट, कड्डोल और विल्लुपुरम जिलों के लिए रेड अलर्ट (Red Alert) जारी किया है। बता दें कि पूर्वोत्तर मानसून के सक्रिय होने की वजह इस वक्त तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक भारी बारिश की चपेट में है।
Tamilnadu : बारिश से बुरा हाल, लोगों का जीना मुहाल
अप्रिय घटना को रोकने के लिए NDRF अलर्ट
वहीं, भारी बारिश (Chennai floods) के कारण किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), अग्निशमन और बचाव, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की इकाइयां अलर्ट मोड पर हैं।
पानी के ठहराव को रोकने के लिए लगाए गए मोटर पंप
ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (GCC) ने एक बयान में कहा कि उसने पहले ही राज्य की राजधानी के निचले इलाकों में पानी के ठहराव को रोकने के लिए मोटर पंप लगाए हैं। जीसीसी ने कहा कि वह नालों की रुकावट को रोकने के लिए प्लास्टिक और अन्य कचरे को हटा रहा है। चेन्नई के विभिन्न हिस्सों से रोजाना लगभग 5,700 मीट्रिक टन कचरा हटाया जा रहा है। जलभराव होने पर मछली पकड़ने वाली नौकाओं के उपयोग के लिए निगम ने राज्य के मत्स्य विभाग के साथ भी समन्वय किया है।
स्कूल और कॉलेज में अवकाश घोषित
पिछले हफ्ते हुई भारी बारिश के कारण चेन्नई (Chennai floods) के अशोक नगर, अशोक पिलर और अडयार के इलाके अभी भी जलमग्न हैं। इस बीच पुडुचेरी ने भी भारी बारिश के कारण स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है। IMD ने यह भी कहा कि चेन्नई और आसपास के जिलों में बारिश 21 नवंबर तक जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने तैयारियों की ली रिपोर्ट
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मुख्य सचिव वी. इराई अंबू और राज्य के पुलिस महानिदेशक, सी. सिलेंद्र बाबू के साथ एक तत्काल बैठक की है। जिसमें निचले इलाकों में भारी बारिश और संभावित जलभराव से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों पर रिपोर्ट प्राप्त की गई। इस बीच, पर्यावरणविदों ने कहा कि धान के खेतों और जलाशयों के अन्य स्रोतों को मिट्टी से भरने और विशाल इमारतों के निर्माण से चेन्नई शहर के लिए ऐसी स्थिति पैदा हो गई है।
इस वजह से हो रही बारिश मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणपूर्वी हिस्से पर बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम दिशा की ओर बढ़ गया है। जिसका दक्षिणी आंध्र प्रदेश और उससे लगे उत्तरी तमिलनाडु के तट तक पहुंचने का अनुमान है। इससे आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। IMD ने कहा कि अगले 120 घंटों के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती दबाव बनने की संभावना हालांकि शून्य है। विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि कम दबाव के क्षेत्र के 18 नवंबर तक पश्चिम की ओर बढ़ने तथा दक्षिणी आंध्र प्रदेश और उससे सटे उत्तरी तमिलनाडु के तटों तक पहुंचने का अनुमान है।
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