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Thursday, April 18, 2024

चमोली में 7वें दिन रेस्क्यू जारी, फंसे लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर अभियान

नई दिल्ली। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli tragedy) जिले में गाद और मलबे से भरी तपोवन सुरंग में फंसे 30-35 लोगों की तलाश में बचाव दलों ने विपरीत परिस्थितियों में शनिवार को सातवें दिन भी अपना अभियान जारी रखा है। जिला मजिस्ट्रेट चमोली ने बताया कि अब तक कुल 38 शव बरामद जिसमें 12 की पहचान कर ली गई है। वहीं 26 अज्ञात है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा तपोवन की बड़ी टनल में से मलबे को हटाया जा रहा है, इसके 71 मीटर नीचे एक छोटी टनल है जिसमें ड्रिलिंग का काम कल किया जा रहा था। तब NTPC की तरफ से जानकारी मिली की वहां मलबा है लेकिन वहां पैशर हाई नहीं है तो अब वहां 1 फूट तक ड्रिलिंग की जाएगी।

इसके आलावे रैनी में सर्च ऑपरेशन जारी है और हम हरिद्वार तक ये सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं क्योंकि कल मैथाना में एक शव मिला था। रैनी के ऊपर जो झील बनी है वहां रैक्की करने के लिए हमने अपनी 8 SDRF की टीम भेजी थी उनके हिसाब से झील से प्रोपर डिस्चार्च आ रहा है तो यह सुरक्षित क्षेत्र है।

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इससे पहले पुलिस महानिदेशक ने कहा, आपदा आए सात दिन हो चुके हैं लेकिन हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और हम ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करेंगे। लापता लोगों के परिजनों द्वारा तपोवन में विरोध किए जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों तक संपर्क स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है और लोगों को धीरज नहीं खोना चाहिए।

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राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि आपदा ग्रस्त क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 168 अन्य लापता हैं। इस बीच, सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों ने तपोवन में परियोजना स्थल के पास सही तरीके से राहत एवं बचाव किए जाने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और सरकार और एनटीपीसी के खिलाफ नारेबाजी की।

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7 फरवरी को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ से 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी। जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए थे। घटना के बाद से ही वहां लगातार तलाश और बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी और एसडीआरएफ शामिल हैं ।

Priya Tomar
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I am Priya Tomar working as Sub Editor. I have more than 2 years of experience in Content Writing, Reporting, Editing and Photography .

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