नई दिल्ली। योग गुरु रामदेव (Ramdev) की ऐलोपैथी के संबंध में दी गई बयान से आहत दिल्ली के कई अस्पतालों के रेजिडेंट चिकित्सकों (Resident Doctors) ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया। इस दौरान दिल्ली के रेजिडेंट चिकित्सकों ने काली पट्टियां और रिबन पहनकर प्रदर्शन किया। और उनकी मांग रही कि या तो रामदेव बिना शर्त माफी मांगें या उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
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फोर्डा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में बताया, रामदेव की टिप्पणियों के विरोध में हमारा प्रदर्शन मंगलवार सुबह शुरू हुआ। वह तो ऐलोपैथी के बारे में बोलने तक की योग्यता नहीं रखते हैं। इससे चिकित्सकों का मनोबल प्रभावित हुआ है जो कोरोना महामारी से हर दिन लड़ रहे हैं। हमारी मांग है कि वह सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगे, अन्यथा महामारी रोग अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इससे पहले फोर्डा इंडिया ने एक बयान जारी करके शनिवार को कहा था कि रामदेव के बयानों के प्रति आपत्ति जताए जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हम स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किए बिना कार्यस्थलों पर एक जून, 2021 को राष्ट्रव्यापी काला दिवस प्रदर्शन की घोषणा कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, हम मांग करते हैं कि वह सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगे या उनके खिलाफ महामारी रोग कानून, 1897 की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि योग गूरी बाबा रामदेव के वायरल हुई वीडियो क्लिप में दिए गए उस बयान को वापस लेने के लिए हाल में मजबूर होना पड़ा था जिसमें वह कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते और यह कहते सुने गए कि कोविड-19 (Covid-19) के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग की मौत हो गई। इस टिप्पणी का चिकित्सकों के संघ ने जोरदार विरोध किया, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने उनसे ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’’ बयान वापस लेने के लिए कहा।