नई दिल्ली। सुंदरगढ़ जिले में पेड़ों का कोई महत्व नहीं है। जिसका जब मन हुआ वह सैकड़ों की संख्या में पेड़ों की कटाई कर डालता है। इसे रोकने के लिए वन विभाग का भय भी किसी में नहीं देखा जाता है। 3 अक्टूबर को लेफ्रीपाड़ा प्रखंड के डूमाबहाल में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण को लेकर बगैर विचार किए गांव के लोगों ने 145 मूल्यवान साल, महुआ, चार व बरगद के पेड़ों को काट डाला था।
इस घटना के बाद 15 नवंबर के जिला खनिज संस्थान द्वारा निर्माण किए जाने वाले सुंदरगढ़ कॉलेज की चहारदीवारी हेतु संवेदक ने लगभग 500 पेड़ों की कटाई डाली। वन विभाग ने अब तक इस मामले को लेकर किसी तरह का कदम नहीं उठाया है। 2014 में सुंदरगढ़ कॉलेज की 154 एकड़ जमीन खाली पड़ी थी। जिसमें वन विभाग ने चारा रोपण किया। पेड़ों की सुरक्षा के लिए तार की बाड़ लगायी।
साल के भीतर लगाए गए पौधे बढ़कर कॉलेज के पीछे एक प्रकार से जंगल में तब्दील हो गए। जो कि पीछे स्थित कोयला परिवहन के लिए बनाई बाईपास सड़क की धूल से कॉलेज के विद्यार्थियों को सुरक्षा दे रहे थे। लेकिन कॉलेज की कुछ जमीन पर अवैध कब्जा होने लगा। जिसे खाली कर पूरी जमीन कॉलेज के अधीन लाने के लिए विधायक कुसुम टेटे ने मांग की।
इसके बाद प्रशासन ने कॉलेज के जमीन की पहचान कर अवैध कब्जा को तुड़वाया। बाद में कॉलेज के जमीन पर चहारदीवारी निर्माण हेतु जिला खनिज संस्थान की ओर से 4.5 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया। पीडब्ल्यूडी विभाग के जरिए काम काम किया जा रहा है।
कटक के DPS कंस्ट्रक्शन को इसका टेंडर मिला है। कंस्ट्रक्शन कंपनी चार दिवारी निर्माण के लिए नींव खोदने के नाम पर JCB के जरिए पेड़ों को काटकर नष्ट कर दिया है। इस संबंध में वन विभाग सूचना पाकर जब तक घटनास्थल पर पहुंचती, तब तक 500 से अधिक पेड़ों को काटा जा चुका था।