नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को बुधवार को उस समय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। जब अदालत ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार एवं कचादार की सीबीआई से निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच कराने वाली उस याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ ने सिंह को अपनी शिकायत को लेकर बंबई उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मामला काफी गंभीर है लेकिन याचिकाकर्ता को बंबई उच्च न्यायालय जाना चाहिए। सिंह का पक्ष रखने के लिए अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह आज ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी सिंह ने अदालत से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाने के आदेश को भी रद्द करने का भी अनुरोध किया था। उनका आरोप है कि यह आदेश ‘मनमाना’ और ‘गैर कानूनी’ है।
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) को लिखे आठ पन्नों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख (Anil deshmukh) ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।।