नई दिल्ली। गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) का विवादों से पुराना नाता रहा है। इस बार उन्होंने आरएसएस (RSS) और वीएचपी जैसे संगठनों की तुलना तालिबान (Taliban) से करके विवादों में आ गए है। बीजेपी नेता ने जावेद अख्तर के घर के बाहर प्रदर्शन किया। तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना ने भी जावेद अख्तर के बयान का विरोध किया है।
शिवसेना ने कहा कि जावेद अख्तर नेराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तालिबान से तुलना करने में गीतकार जावेद अख्तर पूरी तरह से गलत थे। शिवसेना ने कहा, ‘मैं शिवसेना का स्टैंड साफ कर दूं, हम आरएसएस को राष्ट्र निर्माण करने वाला संगठन मानते हैं।
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दरअसल, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, आप कैसे कह सकते हैं कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा का समर्थन करने वाले तालिबानी मानसिकता के हैं? हम इससे सहमत नहीं हैं। अख्तर ने हाल ही में कहा था कि पूरी दुनिया में दक्षिणपंथियों में एक अनोखी समानता है। गीतकार ने आरएसएस का नाम लिये बिना कहा था, तालिबान एक इस्लामी देश चाहता है। ये लोग एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।
सामना जावेद अख्तर की टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा गया है, भले ही जावेद अख्तर एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और कट्टरता के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन उनका आरएसएस की तुलना तालिबान से करना पूरी तरह से गलत है। ‘सामना’में ये भी कहा गया है कि हिंदू राष्ट्र का प्रचार करने वालों का रुख उदार है। जिस विभाजन के कारण पाकिस्तान का निर्माण हुआ वह धर्म पर आधारित था। जो लोग हिंदू राष्ट्र का समर्थन करते हैं, वे बस यह चाहते हैं कि बहुसंख्यक हिंदुओं को दरकिनार न किया जाए।
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शिवसेना के मुखपत्र में आगे कहा गया है कि हिंदुत्व की तालिबान से तुलना करना हिंदू संस्कृति का अपमान है। इसमें कहा गया, ‘‘एक हिंदू बहुल देश होने के बावजूद, हमने धर्मनिरपेक्षता का झंडा फहराया है। हिंदुत्व के समर्थक केवल यही चाहते हैं कि हिंदुओं को दरकिनार न किया जाए। शिवसेना ने कहा आपका आरएसएस के साथ मतभेद हो सकता है, लेकिन उनके दर्शन को तालिबानी कहना पूरी तरह से गलत है।